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विधायक हुमायूं कबीर ने फिर खोला पार्टी के खिलाफ मोर्चा

तृणमूल कांग्रेस में एक बार फिर बगावत के सुर तेज हो गये हैं. मुर्शिदाबाद के भरतपुर से तृणमूल विधायक हुमायूं कबीर ने गुरुवार को पार्टी नेतृत्व पर खुलकर निशाना साधते हुए कहा कि अब उन्हें पार्टी से बाहर कर दिया जाये. पत्रकारों से बातचीत में विधायक ने तीखे लहजे में कहा : मुझे पार्टी से निकाल दिया जाये. मैं खुद बाहर जाना चाहता हूं. उसके बाद दिखाऊंगा कि मुर्शिदाबाद की राजनीति किसे कहते हैं.

कोलकाता.

तृणमूल कांग्रेस में एक बार फिर बगावत के सुर तेज हो गये हैं. मुर्शिदाबाद के भरतपुर से तृणमूल विधायक हुमायूं कबीर ने गुरुवार को पार्टी नेतृत्व पर खुलकर निशाना साधते हुए कहा कि अब उन्हें पार्टी से बाहर कर दिया जाये. पत्रकारों से बातचीत में विधायक ने तीखे लहजे में कहा : मुझे पार्टी से निकाल दिया जाये. मैं खुद बाहर जाना चाहता हूं. उसके बाद दिखाऊंगा कि मुर्शिदाबाद की राजनीति किसे कहते हैं.

तृणमूल के जिला नेतृत्व पर हमला

कबीर ने मुर्शिदाबाद जिला में तृणमूल नेतृत्व पर भ्रष्टाचार और पक्षपात के गंभीर आरोप लगाये. उन्होंने कहा : जिले में जो लोग आज संगठन के पदों पर बैठे हैं, वे पहले कहां थे और किस तरह पद हासिल किये. यह अब जनता के सामने लाया जायेगा. उन्होंने चेतावनी दी कि जल्द ही उन सभी नेताओं की तस्वीरें दीवारों पर लगायी जायेंगी, ताकि लोगों को सच्चाई पता चले. विधायक ने मुर्शिदाबाद में तृणमूल जिला अध्यक्ष अपूर्व सरकार से लेकर कई ब्लॉक अध्यक्षों तक के नाम लेकर आरोप लगाये. उन्होंने पुलिस पर भी गंभीर आरोप लगाये. कहा : वर्ष 2023 से उनके क्षेत्र के दो पार्टी ब्लॉक अध्यक्षों को हटाने की सिफारिश की गयी थी, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. कबीर ने तृणमूल सांसद यूसुफ पठान पर भी निशाना साधते हुए कहा कि भरतपुर के विकास कार्यों में उन्होंने एक पैसा तक खर्च नहीं किया. जनता के विकास के नाम पर सिर्फ दिखावा किया जा रहा है.पहले भी दे चुके हैं बगावत के संकेत : कुछ महीने पहले भी कबीर ने नया राजनीतिक दल बनाने की बात कही थी. उन्होंने आरोप लगाया था कि मुर्शिदाबाद का जिला नेतृत्व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तक की बात नहीं सुनता. उन्होंने उस समय 50 से अधिक सीटों पर नये दल के प्रत्याशी उतारने की बात कही थी. हालांकि बाद में उन्होंने अपने निर्णय से पीछे हटते हुए पार्टी में बने रहने का फैसला किया. उन्होंने कोलकाता में तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी से मुलाकात की थी. तीन घंटे चली इस बैठक के बाद बाहर निकलते हुए उन्होंने मुस्कराते हुए कहा था कि पेड़ की पहचान उसके फल से होती है. अब विधायक के ताजा बयान ने जिले की राजनीति में एक बार फिर हलचल मचा दी है.

पार्टी सूत्रों के अनुसार, कबीर का असंतोष लंबे समय से चल रहा है और वह जिला नेतृत्व से कथित तौर पर नाखुश हैं. पार्टी की ओर से इस बयान पर अभी कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आयी है, लेकिन स्थानीय तृणमूल नेताओं में बेचैनी साफ झलक रही है.

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