कोलकाता.
राज्य के सरकारी व सरकारी प्राथमिक स्कूलों में हुई नियुक्तियों के घोटाले में राज्य के संशोधनागार मंत्री और तृणमूल विधायक चंद्रनाथ सिन्हा को एक बार फिर प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने तलब किया. बुधवार को वह सॉल्टलेक के सीजीओ काॅम्प्लेक्स स्थित इडी कार्यालय पहुंचे. मंत्री ने मीडिया के सभी सवालों को अनसुना करते हुए सीधे भीतर प्रवेश किया. उनके हाथ में कई फाइलें और दस्तावेज दिखायी दिये. जिससे अटकलें लगायीं जा रही हैं कि वह जांच एजेंसी के समक्ष कुछ दस्तावेज जमा कराने पहुंचे थे. सूत्रों के अनुसार, नियुक्ति घोटाले में आरोपी कुंतल घोष के पास से बरामद डायरी में 100 से अधिक लोगों के नाम दर्ज हैं. इन्हीं में मंत्री सिन्हा के नाम का पता चला. डायरी बरामद होने के बाद इडी ने मंत्री के घर पर छापेमारी की थी. तलाशी के दौरान कई दस्तावेजों के साथ करीब 41 लाख रुपये नकद बरामद किये गये थे. इसी आधार पर इडी ने उनके खिलाफ अदालत में चार्जशीट भी दाखिल कर दी है. चार्जशीट दाखिल होने के बाद मंत्री ने अदालत में आत्मसमर्पण कर अग्रिम जमानत का अनुरोध किया था. बैंकशाल अदालत ने अंतरिम जमानत देते हुए उन्हें जांच में सहयोग करने का आदेश दिया है. इस बीच इडी ने अदालत में मंत्री की हिरासत की मांग की थी. इडी का तर्क था कि “पिछले वर्ष मार्च में मंत्री के आवास से 41 लाख रुपये और मोबाइल फोन बरामद हुए थे. जिन लिंकों का कोर्ट ने ईडी की भूमिका पर खड़े किये थे सवालहालांकि सुनवाई के दौरान अदालत ने इडी पर सवाल खड़े किये थे. न्यायाधीश ने पूछा था कि “मार्च, 2024 में जब सर्च किया गया तब स्टेटमेंट और सारा रिकॉर्ड आपके पास था? 11 महीनों तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गयी?” कड़ी टिप्पणियों के बाद अदालत ने इडी की मंत्री को हिरासत भेजे जाने की याचिका खारिज कर दी और अंतरिम जमानत को बरकरार रखा. साथ ही स्पष्ट किया गया कि मंत्री को जांच एजेंसी के साथ पूर्ण सहयोग करना होगा. सूत्रों के अनुसार, बुधवार को मंत्री से पूछताछ को लेकर इडी की ओर से आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है. पता चला है, उनकी कड़ी जांच के लिए हिरासत आवश्यक है.”
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

