कोलकाता.
पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता और भाजपा के वरिष्ठ नेता शुभेंदु अधिकारी ने सोमवार को मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) को लेकर तृणमूल कांग्रेस पर तीखा हमला बोला. उन्होंने आरोप लगाया कि तृणमूल सरकार एसआइआर प्रक्रिया में गड़बड़ी करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. अधिकारी ने दावा किया कि राज्य में बीएलओ और बीडीओ के एक वर्ग के बीच गहरी सांठगांठ है, जो फर्जी मतदाताओं और अवैध प्रवासियों के नाम हटाने के चुनाव आयोग के प्रयासों को विफल कर रही है. भाजपा मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए अधिकारी ने कहा कि एसआइआर प्रक्रिया ने तृणमूल के भीतर बौखलाहट पैदा कर दी है, जिसके चलते तृणमूल नेता लगातार अपमानजनक टिप्पणियां और खुली धमकियां दे रहे हैं. उनका आरोप था कि एसआइआर शुरू होने के बाद से ही तृणमूल कांग्रेस इस प्रक्रिया को शत्रुतापूर्ण तरीके से देख रही है. उन्होंने कहा कि एक निजी चुनावी रणनीतिकार एजेंसी के पदाधिकारियों और कुछ बीएलओ तथा बीडीओ के बीच घनिष्ठ सांठगांठ है, जिससे जमीनी स्तर पर एसआइआर को बाधित करने की कोशिश की जा रही है. अधिकारी ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीइओ) से मांग की कि कई इलाकों में बीएलओ राजनीतिक कारणों से गणना फॉर्म उपलब्ध नहीं करा रहे हैं, इसलिए इसके समाधान के लिए एक हेल्पलाइन शुरू की जाये.शुभेंदु ने बताया कि भाजपा ने 13.25 लाख फर्जी मतदाताओं की सूची चुनाव आयोग को सौंपी है. उनका दावा था कि 20 विधानसभा क्षेत्रों के प्रत्येक बूथ पर 50 से 150 मृत मतदाता पाये गये हैं. नागरिकता पर भाजपा का रुख दोहराते हुए उन्होंने कहा कि पड़ोसी देशों से आये हिंदू और अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को सीएए के तहत नागरिकता दी जायेगी, जबकि घुसपैठियों के नाम मतदाता सूची से हटाये जायेंगे.
मृत व फर्जी मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से हटाने के लिए अदालत जाने की दी चेतावनीनेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि कुछ ब्लॉक-स्तर के मेडिकल ऑफिसर और पंचायत प्रधान जन्म प्रमाणपत्रों में हेराफेरी को बढ़ावा दे रहे हैं. उन्होंने चुनाव आयोग से इस पर कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि मृत मतदाताओं की वास्तविक संख्या निर्धारित करने के लिए श्मशान और कब्रिस्तान रिकॉर्ड, ‘समब्याथी’ ऐप के डेटा और पेंशन रोल की दोबारा जांच की जानी चाहिए. अधिकारी ने कहा कि एसआइआर प्रक्रिया के बाद एक निष्पक्ष और त्रुटिरहित मतदाता सूची सामने आनी चाहिए, क्योंकि बंगाल के लोग स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव चाहते हैं. उन्होंने घोषणा की कि मृत और डुप्लिकेट मतदाताओं के मुद्दे पर वह अदालत भी जायेंगे. इसके साथ ही इस मामले में शुभेंदु ने चुनाव आयोग के अधिकारियों से मुलाकात के लिए समय मांगा है.
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