कोलकाता.
भाजपा ने गुरुवार को राज्य के दो मंत्रियों पर आतंक पैदा करने और सांप्रदायिक अशांति फैलाने का प्रयास करने का आरोप लगाया. मंत्रियों ने राज्य में मतदाता सूची के पुनरीक्षण के दौरान मतदाताओं के नाम हटाये जाने को लेकर कथित तौर पर भड़काऊ बयान दिये थे. मालदा में पार्टी के एक कार्यक्रम में मंत्रियों सबीना यास्मीन और तजमुल हुसैन द्वारा की गयीं टिप्पणियों पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा की राज्य प्रवक्ता केया घोष ने कहा कि ये बयान ममता बनर्जी सरकार के तहत व्याप्त अराजकता को दर्शाते हैं.केया घोष ने आरोप लगाया कि सबीना यास्मीन और तजमुल हुसैन राज्य में मंत्री हैं, फिर भी स्थानीय गुंडों जैसा व्यवहार कर रहे हैं. सबीना यास्मीन मोथाबारी को बाधित करने की धमकी दे रही हैं, जो कुछ महीने पहले ही सांप्रदायिक दंगों से प्रभावित हुआ था. क्या वह हिंदुओं के खिलाफ एक और हिंसा की धमकी दे रही हैं?
उन्होंने दावा किया कि तृणमूल कांग्रेस को डर है कि मतदाता सूची के जारी राज्यव्यापी गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) से फर्जी और अवैध मतदाताओं का पता चल जायेगा. श्रीमती घोष ने कहा : तृणमूल कांग्रेस एसआइआर से इतनी डरी हुई क्यों है? क्या उन्हें डर है कि उनके मूल मतदाता- बांग्लादेशी घुसपैठिये और रोहिंग्या सूची से बाहर हो जायेंगे? इससे पहले ममता बनर्जी ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को लेकर दहशत फैलाने की कोशिश की थी और हमने देखा कि उलबेड़िया, बागनान, मालदा और मुर्शिदाबाद में क्या हुआ, जहां हिंदुओं को निशाना बनाया गया था.यह विवाद तब शुरू हुआ, जब राज्य के दो मंत्रियों यास्मीन और हुसैन ने मंगलवार को मालदा में तृणमूल कांग्रेस के विजय सम्मेलन के दौरान कथित तौर पर भड़काऊ बयान दिया, जिसमें उन्होंने चेतावनी दी थी कि अगर निर्वाचन आयोग की जारी पुनरीक्षण प्रक्रिया के तहत किसी भी मतदाता का नाम हटाया गया, तो अशांति फैल जायेगी.
मंत्री और मालदा (उत्तर) के विधायक तजमुल हुसैन को कथित तौर पर यह कहते सुना गया : यदि हमारे किसी भी मतदाता का नाम मतदाता सूची से हटाया गया, तो हरिश्चंद्रपुर के सभी लोग हरिश्चंद्रपुर को तबाह कर देंगे. अगर आप एसआइआर करते हैं, तो करें, लेकिन अगर हमारे एक भी मतदाता को हटाया गया, तो हम आंदोलन करेंगे.एक अन्य मंत्री सबीना यास्मीन ने कहा : हम एसआइआर के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन यदि एक भी शख्स को मतदाता सूची से गलत तरीके से हटाया गया, तो मैं, सबीना यास्मीन, मतदाता सूची को नष्ट कर दूंगी, यह याद रखें. हालांकि, प्रभात खबर स्वतंत्र रूप से तृणमूल मंत्रियों के दो वीडियो की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं कर सका, जो बुधवार रात से वायरल हो रहे हैं. इन टिप्पणियों से राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया है, विपक्ष ने सत्तारूढ़ पार्टी पर अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची संशोधन को प्रभावित करने के लिए खुली धमकी देने का आरोप लगाया है.
भाजपा ने निर्वाचन आयोग को पत्र लिख कर दोनों मंत्रियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है और अपनी मांग दोहरायी है कि 2026 के विधानसभा चुनाव राष्ट्रपति शासन के तहत कराये जायें.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

