साथ ही खेतों में पानी उपलब्ध कराने के लिए 56 पंप लगाने की भी योजना है. किसानों काे नि:शुल्क बीज उपलब्ध कराया जायेगा. सरकार ट्रैक्टर से जमीन की जोताई भी करायेगी. जमीन पर कब आैर किस चीज की खेती की जाये, इसके लिए कृषि विशेषज्ञों की सहायता ली जायेगी. शुक्रवार से कृषि विशेषज्ञों की टीम सिंगूर जा कर किसानों को प्रशिक्षण देगी. खेती के उन्नत तरीकों से अवगत करायेगी.
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12 सप्ताह में सिंगूर में होगी खेती!
कोलकाता. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से राज्य सरकार सिंगूर के किसानों को उनकी जमीन लौटाने में जुट गयी है. किसानों को जमीन के कागजात भी मिल गये हैं. अब सरकार उक्त जमीन को खेती योग्य बनाने के लिए युद्धस्तर पर मैदान में उतर गयी है. सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को किसानों की […]
कोलकाता. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से राज्य सरकार सिंगूर के किसानों को उनकी जमीन लौटाने में जुट गयी है. किसानों को जमीन के कागजात भी मिल गये हैं. अब सरकार उक्त जमीन को खेती योग्य बनाने के लिए युद्धस्तर पर मैदान में उतर गयी है. सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को किसानों की जमीन लौटाने के लिए 12 सप्ताह का समय दिया है. पर सरकार इस अवधि से पहले ही यहां की जमीन को कृषि योग्य बना कर खेती आरंभ करना चाहती है. इस मुद्दे पर मंगलवार को सचिवालय में सिंचाई व कृषि विभाग की एक बैठक हुई.
जानकारी के अनुसार, राज्य सरकार 12 सप्ताह से पहले ही यहां खेती आरंभ करना चाहती है. सरकार की योजना है कि सबसे पहले यहां ऐसी फसल बाेई जाये, जिसका उत्पादन एक महीने में पूरा हो जाये. 12 सप्ताह के अंदर ही सिंगूर की टाटा परियोजना की जमीन पर खेती आरंभ करने की योजना को साकार बनाने के लिए मुख्यमंत्री ने सभी संबंधित विभागों को किसानों को हर प्रकार की मदद उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. यहां टयूबवेल लगाये जायेंगे.
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