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जेल से बाहर आये TMC नेता ने कहा, ममता के निर्देशों का पालन करूंगा

कोलकाता. सारधा घोटाले के सिलसिले में 21 महीने से भी अधिक समय बाद शनिवार की सुबह सलाखों से बाहर आये तृणमूल कांग्रेस नेता मदन मित्रा ने कहा कि वह फिलहाल आराम करना चाहते हैं, लेकिन वह मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देशों का पालन करेंगे. अलीपुर जेल से सुबह रिहा होने के बाद उन्होंने कहा : […]

कोलकाता. सारधा घोटाले के सिलसिले में 21 महीने से भी अधिक समय बाद शनिवार की सुबह सलाखों से बाहर आये तृणमूल कांग्रेस नेता मदन मित्रा ने कहा कि वह फिलहाल आराम करना चाहते हैं, लेकिन वह मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देशों का पालन करेंगे. अलीपुर जेल से सुबह रिहा होने के बाद उन्होंने कहा : मैं थक गया हूं और अब आराम करना चाहता हूं. मैं अपने परिवार, पत्नी, बेटों और पोतों के साथ समय बिताना चाहता हूं.

दो वर्षों तक मैंने (दुर्गा) मां को नहीं देखा है. इस साल मैं अपने परिवार के साथ दुर्गा पूजा का आनंद लूंगा. जब उनसे अपना राजनीतिक करियर बहाल करने की उनकी योजना के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा : जब भी ममता बनर्जी मुझे (कोई काम) सौंपेंगी, मैं उनके निर्देश का पालन करूंगा. मैं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में नया बंगाल उभरता हुआ, बीएमडब्ल्यू और टाटा को राज्य में निवेश करते हुए देखना चाहता हूं. सीबीआइ द्वारा उन्हें प्रभावशाली बताये जाने के बारे में कुछ कहने से इनकार करते हुए मित्रा ने कहा : अदालत इसे देखेगी. मेरा वकील अदालत में इस संबंध कहेगा. मैं आजकल अकेला हूं. मेरे साथ केाई नहीं है.

मदन मित्रा ने कहा : मैं कुछ और टिप्पणी नहीं करूंगा, क्योंकि मैं पिछले 20 महीने से अस्वस्थ हूं और मेरे डॉक्टरों ने मुझे किसी प्रकार की राजनीतिक बहस में नहीं पड़ने की सलाह दी है. खेल व परिवहन मंत्री रह चुके मित्रा को सीबीआइ ने 12 दिसंबर 2014 को गिरफ्तार किया था. उन्होंने कहा : मैंने कुछ गलत नहीं किया है. मेरा एकमात्र दोष है कि मैं युवा और अनुभवी हूं. लेकिन 21 महीने में मैंने 21 साल का अनुभव हासिल किया है. मित्रा ने खुद को सभ्य व्यक्ति करार देते हुए कहा : मैं कानून नहीं तोड़ूंगा. मैं सीबीआइ के साथ पूरा सहयोग करूंगा और वे जहां और जब चाहे मैं पेश होऊंगा. उन्होंने कहा कि उन्हें न्यायपालिका में पूरा यकीन है और इंसाफ मिलने की पूरी आस है और उनकी बेगुनाही साबित होगी. मदन मित्रा शनिवार सुबह छह बजकर 45 मिनट पर रिहा हुए. रिहा होने के बाद समर्थकों और पार्टी कार्यकर्ताओं की खुशियां मनाये जाने के बीच उन्हें भवानीपुर पुलिस थाने के अंतर्गत एक होटल में ले जाया गया, जैसा कि अदालत ने जमानत देने के लिए शर्त रखी थी. उनका अपना निवास कालीघाट थाना क्षेत्र में है.

मित्रा ने कहा : (जमानत मिलने से) मैं बहुत खुश हूं . मैं खुश हूं कि मैं अपने परिवार के साथ होऊंगा. मैं इतने लंबे वक्त बाद जेल से बाहर आने पर खुशी महसूस करता हूं. कोलकाता मेरे लिए बिल्कुल नयी जगह जान पड़ती है. मैंने 20 महीने तक इसे नहीं देखा. शुक्रवार अलीपुर सत्र अदालत ने श्री मित्रा को 15 लाख रुपये की दो प्रतिभूति भरने पर जमानत दी थी. उन्हें 23 नवंबर से पहले अदालत के समक्ष पेश होने, सीबीआइ को अपना पासपोर्ट देने और सीबीआइ के जांच अधिकारी के समक्ष हफ्ते में एक बार पेश होने का निर्देश दिया गया है. उनके भवानीपुर पुलिस थाना क्षेत्र से बाहर जाने पर रोक लगायी गयी है. 12 दिसंबर, 2014 को मदन मित्रा को गिरफ्तार किया गया था.

सक्रिय राजनीति से मदन मित्रा को दूर रखना चाहती है तृणमूल
राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस फिलहाल पूर्व मंत्री मदन मित्रा को सक्रिय राजनीति से दूर रखना चाहती है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पार्टी ने फिलहाल मदन मित्रा को आराम करने की सलाह दी है क्योंकि मदन मित्रा को जमानत तो मिल गयी है, लेकिन अब तक उन पर मामला चल रहा है, इसलिए उत्साह में तृणमूल कांग्रेस कोई गलत कदम नहीं उठाना चाहती जिससे भविष्य में उसे किसी प्रकार का नुकसान हो.
Prabhat Khabar Digital Desk
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