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रत्न व्यापार की आड़ में 350 करोड़ विदेश भेजे, इडी के ताबड़तोड़ छापे

प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने रत्नों की बिक्री के जरिये करीब 350 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा तस्करी, गबन व हवाला रैकेट की जांच के सिलसिले में बुधवार को कोलकाता, हैदराबाद व अहमदाबाद में ताबड़तोड़ छापेमारी की.

जांच एजेंसी ने कोलकाता, हैदराबाद व अहमदाबाद में चलाया तलाशी अभियान

संवाददाता, कोलकाताप्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने रत्नों की बिक्री के जरिये करीब 350 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा तस्करी, गबन व हवाला रैकेट की जांच के सिलसिले में बुधवार को कोलकाता, हैदराबाद व अहमदाबाद में ताबड़तोड़ छापेमारी की. सूत्रों के अनुसार, इस दिन इडी के अधिकारियों ने कोलकाता से सटे सॉल्टलेक के सीएफ ब्लॉक स्थित एक रत्न एजेंट के आवास पर छापा मारा और कोलकाता में किरण शंकर राय रोड स्थित उसके कार्यालय में भी दबिश दी. अभियान के दौरान इडी अधिकारियों ने विभिन्न दस्तावेजों और रिकॉर्ड की जांच की. इस कार्रवाई में जांच एजेंसी ने कई महत्वपूर्ण दस्तावेज, बैंक लेनदेन के रिकॉर्ड और विदेशी मुद्रा से जुड़े कागजात जब्त किये हैं. इडी के सूत्रों ने बताया कि करीब एक महीने पहले यह मामला तब सामने आया, जब शिकायत मिली कि कुछ रत्न व्यवसायी सस्ते और निम्न गुणवत्ता वाले रत्नों को महंगा बताकर ऊंची कीमत पर बेच रहे हैं. पहले तो यह एक आम वित्तीय धोखाधड़ी का मामला प्रतीत हुआ, लेकिन आगे की जांच में यह खुलासा हुआ कि यह पूरा नेटवर्क शेल कंपनियों, फर्जी इनवॉयस और जाली आयात-निर्यात कागजात के माध्यम से देश से बाहर बड़ी रकम भेजने में सक्रिय था. इडी के अनुसार, इस एजेंट ने रत्नों की खरीद-बिक्री के नाम पर विदेशी ग्राहकों को बड़े-बड़े बिल भेजे और उसी के आधार पर हवाला चैनल से विदेशी मुद्रा बाहर भेजी जाती थी. एजेंसी ने हैदराबाद और अहमदाबाद के कई ठिकानों पर भी छापेमारी की, जहां इस रैकेट के कुछ सहयोगी और एजेंट काम कर रहे थे. प्राथमिक जांच में सामने आया है कि इन तीनों शहरों से जुड़े कारोबारी एक बड़े अंतरराज्यीय गिरोह का हिस्सा हैं, जो रत्न व्यापार के जरिये काले धन को सफेद करने का काम करता था. इडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा: हम यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि इस रैकेट का संचालन कौन करता था, किन लोगों ने विदेशी खातों में पैसे ट्रांसफर किये और किस-किस माध्यम से यह नेटवर्क फैला हुआ है. शुरुआती जांच में यह साफ हुआ है कि कई लेनदेन विदेशी मुद्रा नियंत्रण कानून (एफइएमए) और मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक अधिनियम (पीएमएलए) का उल्लंघन करते हुए किये गये हैं. एजेंसी का मानना है कि विदेशी मुद्रा की तस्करी की राशि 350 करोड़ रुपये से भी अधिक हो सकती है. फिलहाल इडी इस बात की भी जांच कर रही है कि यह पैसा किन देशों में भेजा गया और किस उद्देश्य से इसका इस्तेमाल हुआ.

कालेधन को सफेद करने का चल रहा था धंधा

जांच में केंद्रीय जांच एजेंसी को पता चला है कि हवाला नेटवर्क के जरिये पैसा दुबई, सिंगापुर और हांगकांग जैसे देशों में भेजा गया था. वहां इसे निवेश या सोने की खरीद के नाम पर वैध रूप दिया जा रहा था. इसके बाद रकम फिर भारत लौटायी जाती थी और कई बार रियल एस्टेट में निवेश के रूप में इस्तेमाल की जाती थी. इडी सूत्रों का कहना है कि इस पूरे मामले में कई कारोबारी, बिचौलिये और वित्तीय सलाहकार शामिल हैं. इनमें से कुछ को एजेंसी ने पहले ही पूछताछ के लिए तलब किया है, जबकि कुछ फरार हैं. इडी ने यह भी संकेत दिया है कि आने वाले दिनों में कई और स्थानों पर छापेमारी हो सकती है.

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