कोलकाता. केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को राज्यसभा में कहा कि पश्चिम बंगाल की अशोकनगर तेल क्षेत्र परियोजना में उत्पादन जल्द शुरू होगा, क्योंकि ओएनजीसी और राज्य सरकार, दोनों पट्टे को अंतिम रूप देने के प्रयास कर रहे हैं. मंत्री ने उम्मीद जतायी कि हाल में पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस नियम, 2025 (पीएनजी नियम) अधिसूचित किए जाने के बाद स्टांप शुल्क तथा रॉयल्टी से जुड़े मुद्दे “सुलझा लिये जायेंगे.” उच्च सदन में प्रश्नकाल के दौरान भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष व राज्यसभा सांसद के प्रश्नों का उत्तर देते हुए पुरी ने कहा कि यह ब्लॉक उत्तर 24 परगना जिले में स्थित है और यहां खोज 2018 में हुई थी. उन्होंने कहा कि ओएनजीसी इस परियोजना में अब तक 1,000 करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है. पुरी ने कहा, “हमारा अनुमान है कि बंगाल बेसिन में कुल 24 करोड़ बैरल तेल समतुल्य भंडार मौजूद है. यदि 30 प्रतिशत रिकवरी के आंकड़े को मानें, तो कुल उत्पादन मूल्य लगभग 45,000 करोड़ रुपये हो सकता है, जिसमें से पश्चिम बंगाल राज्य को 4,500 करोड़ रुपये मिलेंगे.”
गौरतलब है कि ओएनजीसी ने नवंबर 2024 में अशोकनगर के संबंध में पश्चिम बंगाल सरकार को पेट्रोलियम खनन पट्टे (पीएमएल) के लिए आवेदन प्रस्तुत किया था. राज्य सरकार ने फरवरी 2025 में 99.06 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र के लिए ओएनजीसी को एक अस्थायी (प्रोविजनल) पीएमएल जारी किया. मंत्री ने कहा, “ओएनजीसी और पश्चिम बंगाल सरकार के बीच पत्रों का आदान-प्रदान 10 और 12 दिसंबर को हुआ है.
अब तक हम जहां पहुंचे हैं, उसके आधार पर और हमारे पास मौजूद नवीनतम कानून के आलोक में, मुझे कोई समस्या नहीं दिखती.” पुरी ने कहा कि पट्टा अवधि के लिए स्टांप शुल्क का भुगतान किया जाना है, और रॉयल्टी पर स्टांप ड्यूटी तब दी जायेगी, जब वह प्राप्त होगी.
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