कोलकाता: केंद्र सरकार व कोल इंडिया के आश्वासन पर कोयला श्रमिकों ने 24 नवंबर को अपना हड़ताल तो वापस ले लिया था, लेकिन सरकार ने हड़ताल वापस लेने के लिए जो वादा किया था, उसे अब निभाने का समय आ गया है.
केंद्र सरकार ने संसद के शीतकालीन सत्र में ही कोल इंडिया में विनिवेश व इसके पुनर्गठन को लेकर संशोधित विधेयक पेश करने का फैसला किया है. केंद्र सरकार को यह विधेयक पास करने से पहले कोल इंडिया के श्रमिकों की मांग को मानना होगा. पहले श्रमिकों की समस्या का समाधान करना जरूरी है. इस संबंध में राष्ट्रीय खान मजदूर फेडरेशन (इंटक) के महासचिव एस क्यू जमा ने कोयला मंत्रलय के सचिव को पत्र लिखा है और इस संबंध में जानकारी देने को कहा है. इसके साथ ही उन्होंने कोयला सचिव से सभी केंद्रीय ट्रेड यूनियनों को बुला कर आपस में बैठक करने की अपील की है.
गौरतलब है कि राष्ट्रीय खान मजदूर फेडरेशन (इंटक) के महासचिव एस क्यू जमा ने इस्टर्न कोल फिल्ड लिमिटेड (इसीएल) के प्रबंधन द्वारा महानगर के आरएन मुखर्जी स्थित कार्यालय को आसनसोल के सांकतोरिया में स्थानांतरण करने के फैसले के खिलाफ कोल इंडिया के निदेशक को पत्र लिखा था और मामले में हस्तक्षेप कर इस समस्या का समाधान करने को कहा है. इस मुद्दे पर कोल यूनियन के प्रतिनिधियों ने राज्य के श्रम मंत्री मलय घटक से मुलाकात की थी और उन्होंने इसीएल के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक को श्रमिकों को हितों को देखते हुए समस्या का समाधान करने को कहा था. इसके अलावा इंटक के नेता रमेन पांडे ने भी इसीएल के निदेशक व कोल इंडिया के अधिकारियों को पत्र लिख कर जल्द से जल्द समस्या का समाधान करने को कहा है. इस संबंध में राष्ट्रीय कोल मजदूर संघ के केंद्रीय कमेटी के अध्यक्ष दिलीप गुहा मजूमदार ने इसीएल प्रबंधन से समस्या के समाधान के लिए जल्द बैठक बुलाने का आग्रह किया. उन्होंने कोलियरी मजदूर यूनियन के महासचिव चंडी बनर्जी से इसीएल प्रबंधन से संपर्क कर बैठक की तारीख तय करने का निवेदन किया है.