लोकसभा में अश्विनी वैष्णव ने कहा- राज्य सरकार के असहयोग के चलते काम हो रहा प्रभावित
संवाददाता, कोलकाताकेंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को लोकसभा में एक प्रश्न के जवाब में पश्चिम बंगाल सरकार पर गंभीर आरोप लगाये और कहा कि राज्य के असहयोग के कारण कोलकाता में मेट्रो विस्तार की गति बुरी तरह प्रभावित हुई है. रेलमंत्री के अनुसार, जमीन अधिग्रहण में देरी, एनओसी न मिलना, अतिक्रमण न हटाया जाना और बेसिक यूटिलिटी शिफ्टिंग में राज्य की मदद न मिलने से चार बड़े मेट्रो कॉरिडोर में कुल 20 किलोमीटर का काम रुका हुआ है. दो वर्षों से बार-बार अनुरोध किये जाने के बावजूद कार्य लंबित पड़ा हुआ है.क्या कहा रेल मंत्री ने
रेलमंत्री ने बताया कि कोलकाता मेट्रो परियोजनाओं की शुरुआत 1972 में हुई थी और 42 वर्षों में केवल 28 किमी पर परिचालन शुरू हो सका था, जबकि उनकी सरकार (2014-2025) के दौरान 45 किलोमीटर नये खंडों पर मेट्रो सेवा शुरू की जा चुकी है.रेल मंत्री के अनुसार क्या है मेट्रो परियोजनाओं की स्थिति
जोका-एस्प्लेनेड कॉरिडोर: 14 किमी के बहुप्रतीक्षित जोका-एस्प्लेनेड कॉरिडोर में खिदिरपुर स्टेशन के लिए केवल 837 वर्ग मीटर जमीन की मंजूरी पाने में राज्य सरकार ने पांच वर्ष लगाये. इस पूरे कॉरिडोर में 7.74 किमी लंबा जोका-माझेरहाट खंड चालू है, जबकि माझेरहाट-एस्प्लेनेड का 6.26 किमी हिस्सा निर्माणाधीन है. वैष्णव ने बताया कि एस्प्लेनेड मेट्रो स्टेशन के लिए रक्षा भूमि पर स्थित बीसी रॉय मार्केट की 528 दुकानों का अस्थायी पुनर्वास साढ़े तीन वर्ष से अधिक समय से लंबित है, जबकि रेलवे अस्थायी संरचनाएं पहले ही तैयार कर चुका है. राज्य सरकार की ओर से सहयोग न मिलने के कारण काम आगे नहीं बढ़ पा रहा है.न्यू गरिया-दमदम एयरपोर्ट कॉरिडोर:
न्यू गरिया-दमदम एयरपोर्ट (32 किमी) कॉरिडोर की स्थिति बताते हुए रेलमंत्री ने कहा कि चिंगड़ीघाटा में मात्र तीन रात के ट्रैफिक डायवर्जन की मंजूरी भी पिछले 10 महीनों से अटकी हुई है, जबकि रेलवे ने कोलकाता पुलिस की हर आवश्यकता पूरी कर दी है.नोआपाड़ा-बारासात कॉरिडोर:
18 किमी लंबे नोआपाड़ा-बारासात कॉरिडोर के बारे में रेलमंत्री ने बताया कि नोआपाड़ा से जय हिंद एयरपोर्ट तक 6.77 किमी का काम पूरा है और आगे माइकल नगर तक निर्माण जारी है. लेकिन न्यू बैरकपुर से बारासात (7.5 किमी) के बीच भूमि अधिग्रहण और अतिक्रमण हटाने में देरी के कारण काम ठप पड़ा है.दक्षिणेश्वर-बरानगर-बैरकपुर कॉरिडोर:
14.5 किमी लंबे दक्षिणेश्वर-बरानगर-बैरकपुर कॉरिडोर में बरानगर-दक्षिणेश्वर (दो किमी) खंड चालू हो चुका है, लेकिन बरानगर से बैरकपुर तक यूटिलिटी शिफ्टिंग न होने के कारण निर्माण कार्य रुक गया है. वैष्णव ने कहा कि राज्य सरकार के इस रवैये से कोलकाता में मेट्रो नेटवर्क के विस्तार को भारी नुकसान हो रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

