कोलकाता : राज्यपाल जगदीप धनखड़ और तृणमूल कांग्रेस सरकार के बीच संबंधों में मंगलवार को और खटास आ गयी, जब उन्होंने ‘कछुए की गति से काम करने’ और लंबित विधेयकों पर उनके प्रश्नों का समय से उत्तर नहीं देने को लेकर उसका मजाक उड़ाया.
श्री धनखड़ ने कहा : मैं देश के संविधान के अनुसार काम करूंगा. यदि सरकार मेरे प्रश्नों का उत्तर देने में कछुए की गति से बढ़ती है, तो यह मेरी गलती नहीं है. मुझे दोषी ठहरा कर वह अपनी जिम्मेदारियों से नहीं बच सकती.
राज्यपाल ने कहा कि उन्होंने विधेयक के संबंध में जब भी पत्र लिखा, उन्हें समय पर इसका जवाब नहीं मिला. राज्यपाल ने राज्य सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि राज्य सरकार से विधेयक का ड्राफ्ट आने के बाद उन्होंने इसके बारे में संबंधित विभाग के प्रधान सचिव से जानकारी मांगी. लेकिन 25 से 29 नवंबर तक विभाग की ओर से कोई जवाब नहीं आया.
इसके बाद पांच दिसंबर से 10 दिसंबर तक भी राज्य सरकार ने कोई जवाब नहीं दिया. ऐसा आखिर क्यों. कहीं यह कोई साजिश तो नहीं. राज्यपाल ने कहा कि विधेयक के बारे में जानकारी लेने के लिए उन्होंने राज्य सरकार के अधिकारियों से बातचीत करने की इच्छा जाहिर की, लेकिन कोई नहीं आया.
उल्लेखनीय है कि कई विधेयकों पर अपनी मंजूरी कथित रूप से ‘रोक कर रखने’ को लेकर तृणमूल कांग्रेस और राज्यपाल के बीच मतभेद मंगलवार को विधानसभा में प्रतिध्वनित हुआ और पार्टी के कई विधायकों ने उसका विरोध किया. तृणमूल सांसदों ने विधेयकों को मंजूरी देने में देरी को लेकर राज्यपाल धनखड़ की आलोचना की और उन्हें हटाने की मांग की.