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पश्चिम बंगाल : प्रशासन के गले की हड्डी बने ड्रग्स तस्कर के पालतू कुत्ते

कोलकाता : महानगर में ‘कुत्ता प्रकरण’ एक बार फिर सुर्खियों में है. अंतर बस इतना है कि यह प्रकरण किसी स्ट्रीट डॉग का नहीं, बल्कि एक ड्रग्स तस्कर के पालतू कुत्ते रॉकी व टाइसन का है. गौरतलब है कि बुधवार को नारकोटिक्स एक्ट्स के तहत गिरफ्तार हुए जयदेव दास ने अपनी सुरक्षा के लिए डोबर्मन […]

कोलकाता : महानगर में ‘कुत्ता प्रकरण’ एक बार फिर सुर्खियों में है. अंतर बस इतना है कि यह प्रकरण किसी स्ट्रीट डॉग का नहीं, बल्कि एक ड्रग्स तस्कर के पालतू कुत्ते रॉकी व टाइसन का है. गौरतलब है कि बुधवार को नारकोटिक्स एक्ट्स के तहत गिरफ्तार हुए जयदेव दास ने अपनी सुरक्षा के लिए डोबर्मन पिंसर व रोटवीलर नस्ल के दो महंगे व खूंखार कुत्तों को पाल रखा था. इन कुत्तों ने भी पूरी तरह से अपनी वफादारी निभायी.

जयदेव दंपती को गिरफ्तार करने पहुंची पुलिस व डॉग हैंडलर की टीम को पहले इन कुत्तों से भिड़ना पड़ा और सीएसपीसीए विशेषज्ञों के निर्देश पर इंजेक्शन देकर इन कुत्तों को शांत किया गया. जानकारी के अनुसार इंजेक्शन दिये जाने के बाद भी कुत्तों ने दो पुलिसकर्मियों और दो डॉग हैंडलर को घायल कर दिया. बड़ी मशक्कत के बाद रॉकी-टाइसन को पकड़ कर सीएसपीसीए अस्पताल लाया गया, जहां दोनों कुत्तों को अलग-अलग कैनल में रखा गया.

हालांकि अस्पताल प्रबंधन की ओर से इनकी रखरखाव की पूरी व्यवस्था की गयी है. सुबह नाश्ते में बिस्कुट पानी, दोपहर को चिकन-चावल व रात को इन्हें मटन दिया जाता है. अन्य कुत्तों की तुलना में इनकी खुराक अधिक होने से दो ही दिन में अस्पताल प्रबंधन का पूरा बजट बिगड़ गया है, पर कुत्ते खुश नहीं हैं. चूंकि ये प्रशिक्षित कुत्ते हैं और प्रयोग नहीं होने के कारण आक्रामक व चिड़चिड़े हो गये हैं, जिससे अस्पताल के कर्मचारी सहमे हुए हैं.

कुत्तों को सिर्फ एक महीना पनाह देगा सीएसपीसीए

ज्ञात हो कि कुत्तों के मालिक जयदेव दास व उनकी पत्नी जेल में हैं. ऐसे में उनके रिहा होने तक इन कुत्तों की देखरेख कौन करेगा? इन महंगे कुत्तों का पालन पोषण पुलिस के लिए भी आसान नहीं है. फिलहाल पुलिस के निर्देश पर कुत्तों को सीएसपीसीएस में रखा गया है, लेकिन कब तक? सीएसपीसीए के सुपरिटेंडेंट डॉ समीर शील ने बताया कि फिलहाल पुलिस ने खतरनाक रॉकी-टाइसन को सात दिनों तक अस्पताल में रखने को कहा है.

पुलिस ने पहले आरोपी के पड़ोसियों को उन्हें रखने के लिए कहा था, लेकिन कोई पड़ोसी तैयार नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि पशुओं को भी स्वतंत्र होकर रहने का अधिकार है. ऐसे में मानवता के खातिर इन दोनों को सीएसपीसीए में अभी रखा गया है. अधिक से अधिक एक महीने तक इन कुत्तों को यहां रखा जायेगा. इसके बाद पुलिस को किसी दूसरे स्थान पर ले जाने का प्रस्ताव दिया जायेगा या फिर इनके मालिक के निर्देश पर उसके किसी परिजन को सौंप दिया जायेगा.

अगर परिजन इन कुत्तों को नहीं लेता है तो पुलिस के निर्देश पर उन्हें वैसे व्यक्ति को अस्थायी रूप से गोद दे दिया जायेगा, जो पशु प्रेमी होने के साथ आर्थिक रूप से भी संपन्न हों, ताकि जेल से रिहा होने के बाद जयदेव वापस रॉकी-टाइसन को ले सके.

रॉकी-टाइसन का प्रयोग नहीं कर सकती पुलिस

डॉ शील ने बताया कि कुत्तों के मालिक ने इन पर अत्याचार कर इन्हें खतरनाक बनाया है, ताकि किसी अनजान व्यक्ति पर जानलेवा हमला कर सकें. ऐसे में इन कुत्तों को दोबारा ट्रेनिंग देकर इन्हें शांत करना संभव नहीं हैं. इसलिए कुत्तों को पुलिस अपने कार्य के लिए इस्तेमाल में नहीं ला सकती है. ज्ञात हो कि रोटवीलर डॉग दुनिया में बुलपिट के बाद सबसे खतरनाक कुत्तों की नस्ल में शामिल है, जिनका डीएनए भेड़िये के डीएनए से 99 प्रतिशत मैच करता है. इसी तरह डोबर्मन पिंसर भी काफी शक्तिशाली ऊर्जावान कुत्ते हैं, जिनके अनुमानित कीमत करीब ढ़ेड़ से ढ़ाई लाख रुपये हैं.

Prabhat Khabar Digital Desk
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