कोलकाता : पश्चिम बंगाल की एक सेवानिवृत्त प्रोफेसर ने दावा किया है कि उन्होंने वर्ष 2002 से राज्य के शिक्षण संस्थानों को 97 लाख रुपये दान में दिये हैं. 70 वर्षीय प्रोफेसर को पेंशन के रूप में प्रति माह 50,000 रुपये से अधिक मिलते हैं. चित्रलेखा मलिक कोलकाता के बागुइहाटी इलाके में एक मामूली फ्लैट में रहती हैं.
उन्होंने रविवार को बताया कि वह आर्थिक सहायता की आवश्यकता होने पर शोधकर्ताओं की मदद करना चाहती हैं. उन्होंने कहा, ‘97 लाख रुपये में से मैंने 50 लाख रुपये पिछले साल अपनी मातृसंस्था यादवपुर विश्वविद्यालय के अपने शोध मार्गदर्शक पंडित बिधुभूषण भट्टाचार्य की याद में दिया था.’
शहर के राजा बाजार इलाके में स्थित विक्टोरिया संस्थान में संस्कृत की प्रोफेसर रहीं सुश्री मलिक ने कहा कि उन्होंने अपने शोध मार्गदर्शक की पत्नी हेमवती भट्टाचार्य की याद में स्थापित छात्रों के लिए छात्रवृत्ति के मद में छह लाख रुपये दिये थे.
सुश्री मलिक ने बताया कि उन्होंने अपना पहला दान 50,000 रुपये का किया था, जो उन्होंने वर्ष 2002 में विक्टोरिया संस्थान में राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (एनएएसी) के सदस्यों के दौरे से पहले बुनियादी ढांचा के विकास के लिए दिया था.
उन्होंने अपने माता-पिता के नाम पर हावड़ा में इंडियन रिसर्च इंस्टीट्यूट फॉर इंटीग्रेटेड मेडिसिन (IRIIM) के लिए 31 लाख रुपये की बड़ी राशि दानस्वरूप दी थी. मलिक ने बताया कि उन्होंने शेष रकम भी शिक्षा एवं गरीबों के कल्याण के लिए वर्ष 2002 और 2018 के बीच विभिन्न संस्थानों को दी.