कोलकाता : भाजपा ने सर्वोच्च न्यायालय द्वारा राम मंदिर निर्माण के ऐतिहासिक फैसले पर सवाल खड़ा किया है. पार्टी की पश्चिम बंगाल इकाई के प्रभारी और राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने सोमवार अपराह्न एक ट्वीट किया. इसमें उन्होंने पूछा कि आखिर ममता बनर्जी को राम मंदिर पर फैसले को लेकर सांप क्यों सूंघ गया है.
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जो दिमाग में है, जुबान से निकालो! – कैलाश विजयवर्गीय
कोलकाता : भाजपा ने सर्वोच्च न्यायालय द्वारा राम मंदिर निर्माण के ऐतिहासिक फैसले पर सवाल खड़ा किया है. पार्टी की पश्चिम बंगाल इकाई के प्रभारी और राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने सोमवार अपराह्न एक ट्वीट किया. इसमें उन्होंने पूछा कि आखिर ममता बनर्जी को राम मंदिर पर फैसले को लेकर सांप क्यों सूंघ गया है. […]
विजयवर्गीय ने अपने ट्वीट में लिखा कि क्या पश्चिम बंगाल की सत्ता में बैठे लोगों को सांप सूंघ गया है? राम मंदिर के ऐतिहासिक फैसले पर कोई प्रतिक्रिया तक नहीं? जो दिमाग में हो, वह जुबान से तो निकालो! हर मामले में वोट की राजनीति नहीं होती ममता दीदी!
उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश समेत पांच जजों की संयुक्त पीठ ने एकमत से अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए जमीन देने का निर्देश दिया है. अल्पसंख्यक समुदाय को अलग से पांच एकड़ भूमि देने को भी कहा गया है.इस फैसले पर देश की सभी बड़ी पार्टियों ने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है.
कांग्रेस ने राम मंदिर का निर्माण जल्द से जल्द शुरू करने की मांग की है. अन्य पार्टियों ने भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले की सराहना की है और इसे सभी समुदायों से मानने की अपील की है, लेकिन ममता बनर्जी समेत उनकी पार्टी ने इस पर पूरी तरह से चुप्पी साध रखी है.
भाजपा के वरिष्ठ नेता का कहना है कि सुश्री बनर्जी राम मंदिर के मुद्दे पर स्पष्ट रूप से कुछ नहीं कहना चाहती हैं, क्योंकि उन्हें भय है कि इससे उनका अल्पसंख्यक वोट बैंक नाराज हो सकता है और अगर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सवाल खड़ा करते हैं तो इससे बहुसंख्यक समुदाय की नाराजगी उठानी पड़ेगी.
इसका नुकसान ममता को एक साल बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में हो सकता है, इसीलिए उन्होंने इस पूरे प्रकरण पर चुप्पी साध ली है.
श्री विजयवर्गीय ने कहा : प्रत्येक मुद्दे पर टिप्पणी करनेवाली ममता बनर्जी राम मंदिर के मुद्दे पर पूरी तरह से चुप हैं.
तृणमूल कांग्रेस के कोई नेता भी कोई टिप्पणी नहीं की है, जबकि इस फैसले का देश के हर वर्ग ने स्वागत किया है. जैसा कहा जा रहा था फैससे से देश मेें हलचल मच जायेगी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. पूरे देश में शांति है और सर्वोच्च न्यायालय के फैससे की सभी पक्ष ने सराहना की है.
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