कोलकाता : राज्यपाल जगदीप धनखड़ द्वारा बुलायी गयी प्रशासनिक बैठक में अधिकारियों को शामिल नहीं करने पर भाजपा के महासचिव व प्रदेश भाजपा के केंद्रीय प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने ममता सरकार पर हमला बोला है.
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बंगाल सरकार नहीं मानती संविधान
कोलकाता : राज्यपाल जगदीप धनखड़ द्वारा बुलायी गयी प्रशासनिक बैठक में अधिकारियों को शामिल नहीं करने पर भाजपा के महासचिव व प्रदेश भाजपा के केंद्रीय प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने ममता सरकार पर हमला बोला है. श्री विजयवर्गीय ने प्रभात खबर को अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा : राज्यपाल राज्य का संवैधानिक प्रधान होता है और […]
श्री विजयवर्गीय ने प्रभात खबर को अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा : राज्यपाल राज्य का संवैधानिक प्रधान होता है और संवैधानिक प्रधान को बैठक करने के लिए अनुमति लेनी पड़े. यह केवल बंगाल में ममता की सरकार में ही हो सकता है, इसलिए मैं कहता हूं कि बंगाल की सरकार ममता की सरकार है. संविधान की सरकार नहीं है. बंगाल में ममता का कानून चलता है. संविधान का कानून नहीं चलता है.
ममता बनर्जी की सरकार रोज राज्यपाल का अपमान कर रही है. यह पूरी तरह से असंवैधानिक है. मैं इसकी कड़े शब्दों में निंदा करता हूं. उन्होंने कहा : ममता शासन के अहंकार में राज्यपाल का अपमान कर रही हैं, लेकिन उनका यह अहंकार लंबे समय तक नहीं टिकेगा. राज्य की जनता ममता के अहंकार को तोड़ेगी और उन्हें सत्ता से हटाने का संकल्प ले लिया है.
ममता सरकार लोकतंत्र विरोधी : दिलीप घोष
वहीं, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ द्वारा बुलायी गयी बैठक में अधिकारियों को शामिल नहीं होने पर टिप्पणी करते हुए कहा कि राज्य में जनतंत्र नहीं है. यहां संविधान का पालन नहीं किया जा रहा है, बल्कि ममता बनर्जी का शासन चल रहा है. राज्यपाल का बहिष्कार किया जा रहा है. किसी भी राज्य में राज्यपाल के साथ ऐसा व्यवहार नहीं किया जाता है.
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