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निजीकरण के खिलाफ देश भर में होगा आंदोलन : ममता

कोल इंडिया के सामने होगा प्रदर्शन, निकाला जायेगा जुलूस केंद्रीय श्रमिक संगठनों के साथ समन्वय के लिए ममता ने बनाया कोर ग्रुप कोलकाता : केंद्र सरकार पर लाभजनक संस्थानों का निजीकरण करने का आरोप लगाते हुए राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आंदोलन की घोषणा की है. उन्होंने देश भर में इसके खिलाफ आंदोलन करने […]

कोल इंडिया के सामने होगा प्रदर्शन, निकाला जायेगा जुलूस

केंद्रीय श्रमिक संगठनों के साथ समन्वय के लिए ममता ने बनाया कोर ग्रुप
कोलकाता : केंद्र सरकार पर लाभजनक संस्थानों का निजीकरण करने का आरोप लगाते हुए राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आंदोलन की घोषणा की है. उन्होंने देश भर में इसके खिलाफ आंदोलन करने का आह्वान किया है.
नेताजी इंडोर स्टेडियम में आइएनटीटीयूसी की सभा में मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह एक के बाद एक केंद्रीय संस्थाओं के निजीकरण करने की दिशा में चल पड़ी है.
उन्होंने कहा कि इसके खिलाफ एकजुट होकर लड़ाई करने की जरूरत है. सुश्री बनर्जी ने कहा कि कोल इंडिया, रेलवे, एयर इंडिया, एलआइसी, ऑर्डनेंस सभी के निजीकरण की कोशिशें हो रही हैं.
उन्होंने कहा कि डनलप व जेसप का अधिग्रहण राज्य सरकार ने किया था लेकिन केंद्र सरकार की ओर से इसकी अनुमति नहीं दी गयी है. केंद्र के पास फिर से इससे संबंधित कागजात भेज कर अनुमति मांगी जायेगी. बैंकों के विलय के बाद इसकी विभिन्न शाखाओं के कर्मचारियों का क्या होगा, वह स्पष्ट नहीं है. उन्होंने केंद्रीय श्रमिक संगठनों के कार्यकर्ताओं व समर्थकों से आह्वान किया कि इस संबंध में अपनी आवाज सोशल मीडिया के जरिये मुखर करें. यदि उन्हें खुद ऐसा करने में समस्या है तो परिवार के लोगों या दोस्तों के जरिये करायें.
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि आगामी 26 सितंबर को काशीपुर गनशेल फैक्टरी के सामने प्रदर्शन किया जायेगा और 27 सितंबर को कोल इंडिया भवन के सामने प्रदर्शन होगा. 18 अक्तूबर को सियालदह से फेयरली प्लेस तक एक जुलूस निकाला जायेगा जिसमें मुख्यमंत्री खुद हिस्सा लेंगी. इसका नारा होगा, ‘सेव पब्लिक सेक्टर, सेव इंडिया’. इसके बाद दिल्ली में भी धरने का आयोजन होगा. केंद्रीय श्रमिक संगठनों से उन्होंने कहा कि जिस शहर में उनकी उपस्थिति है, प्रतिवाद के स्वर वहां भी गूंजने चाहिए.
प्रतिवाद बिहार, चेन्नई, मुंबई में भी होना चाहिए. उनका कहना था कि जुल्म का मुकाबला साहस दिखाकर ही हो सकता है. वह साहसी लोगों को ही पसंद करती हैं. माकपा पर आरोप लगाते हुए उनका कहना था कि श्रमिकों पर हो रहे जुल्म की बाबत माकपा चुप्पी साधे बैठी है. बाद में वह एकाध बयान जरूर दे देती है. भाजपा पर उन्होंने आरोप लगाया कि त्रिपुरा में कर्मचारियों को महंगाई भत्ता नहीं दिया गया. असम के हालात तो सबके सामने हैं.
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय श्रमिक संगठनों के साथ समन्वय के लिए एक कोर ग्रुप बनाये जाने की घोषणा की. इस ग्रुप की संयोजक आइएनटीटीयूसी अध्यक्ष दोला सेन होंगी. ग्रुप में सुब्रत बख्शी, सुदीप बंद्योपाध्याय, सौगत राय, शोभनदेव चटर्जी, पार्थ चटर्जी, मलय घोष भी शमिल होंगे. यह कोर ग्रुप बैठकें करके आगामी आंदोलनों की राह तय करेगा.नेताजी इंडोर स्टेडियम में आयोजित सभा में जीतेंद्र तिवारी, पार्थ चटर्जी, सुब्रत बक्शी, मलय घटक, दोला सेन व अन्य मौजूद थे.

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