कलकत्ता पिंजरापोल सोसाइटी ने की सहयोग की अपील
कोलकाता : कलकत्ता पिंजरापोल सोसाइटी की प्रबंधकारिणी समिति की एक अहम बैठक रविवार को रमेश सरावगी की अध्यक्षता में आयोजित हुई. एकल भवन के सभागार में हुई इस बैठक में कई निर्धारित विषयों पर चर्चा हुई. सोसाइटी के महामंत्री पवन टिबड़ेवाल ने सदस्यों को विशेष जानकारी के तौर पर बताया कि बीते सप्ताह सीमा सुरक्षा बल द्वारा बांग्लादेश बार्डर पर तस्करों के चंगुल से छुड़ाये गये गौवंश और स्वयंसेवकों द्वारा विभिन्न कत्लखानों से छुड़ा कर लाये गये लगभग 1000 गौवंश, सोसाइटी की कल्याणी, कामधेनु, चाकुलिया व हजारीबाग शाखाओं में रखी गयी हैं.
पिंजरापोल सोसाइटी इनकी सेवा-सुश्रुषा बड़ी सावधानी व लगन से कर रही है. इस कार्य में कुछ सामाजिक गोसेवी संस्थाओं की मदद भी हालांकि हमें मिल रही है, लेकिन सोसाइटी की शाखाओं में अत्यधिक गोवंशों की संख्या होने से संसाधनों की कमी हो रही है और आर्थिक संकट का सामना भी करना पड़ रहा है.
समस्या से उबरने के लिए उपस्थित सभी सदस्यों द्वारा सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि हमें संगठित रूप से समाज के लोगों तक इस संदेश को पहुंचाना है कि गोवंशों के रक्षार्थ समाज के अंतिम छोर तक हर गोभक्त तन-मन-धन से पिंजरापोल की तरफ सहयोग का हाथ आगे बढ़ाये, जिससे पिछले 135 वर्षों से अनवरत गोसेवा में लिप्त सोसाइटी का यह अभियान आने वाले समय में भी इसी तरह अनुशासित रूप से चलता रहे.
बैठक में बताया गया कि वैसे तो कलकत्ता पिंजरापोल सोसाइटी द्वारा अनेक गोसेवा योजनाएं संचालित हैं, जिनके माध्यम से कोई भी गोभक्त गोसेवा का लाभ ले सकता है, पर विशेष रूप से वर्तमान परिस्थिति से उबरने हेतु ‘वार्षिक गो-संरक्षण सेवा योजना’ से समाज को जोड़ने की आवश्यकता पर बल दिया गया है, जिसमें एकमुस्त 15000/- रुपये के वार्षिक अनुदान से एक गोवंश का एक वर्ष का संरक्षण किया जा सकेगा.
प्रचार मीडिया प्रभारी सुरेन्द्र चमड़िया ने बतलाया कि वर्तमान में लगभग 7000 गौवंशो की सेवा पिंजरापोल की 7 शाखाओं के माध्यम से हो रही है. सभी सदस्यों से इस बात पर जोर दिया गया कि वे स्वयं तो इस सेवा यज्ञ में अपनी आहुति प्रदान करें ही, इसके साथ ही वे अपने संपर्क क्षेत्र के सभी समर्थ लोगों को भी इस बात से अवगत करावें एवं उन्हें भी स्वेच्छा अनुदान की इस श्रृंखला में जोड़ने का सफल प्रयास करें .
यदि समाज के गोभक्त इन 7000 गोवंशों का संरक्षण अपनी सामर्थ्य अनुसार स्वेच्छा अनुदान के माध्यम से करने का संकल्प कर लेवे तो वह दिन दूर नहीं है जब अपनी गोमाता पूर्ण रूप से सुरक्षित तथा निर्भय हो कर रह सकेगी एवं सभी गोशालाएं आदर्श गौधाम में परिवर्तित हो जायेगी. इस संबंध में उपस्थित सभी
पदाधिकारियों द्वारा सदस्यों के प्रयास को हर संभव सहयोग देने का आश्वासन दिया गया. बैठक में सोदपुर शाखा में लगी नई मशीन से हो रहे पैकिंग दूध के सुचारू रूप से वितरण प्रणाली पर भी विचार विमर्श किया गया. उपस्थित सदस्यों द्वारा जैविक खेती को बढ़ाने एवं गोगव्यों से निर्मित औषधियों एवं रोजमर्रा की जरूरत की उपयोगी वस्तुओं के उत्पादन पर ओर अधिक ध्यान देने एवं इस क्षेत्र के विशेषज्ञों से सहायता लेने पर गहन चिंतन किया गया.
इसके साथ ही आगामी 4 नवंबर’19 को होने वाले गोपाष्टमी मेले की जानकारी देते हुए उस पर भी रचनात्मक चर्चा की गई.बैठक में पुरुषोत्तम परसरामपुरिया, सुरेन्द्र पटवारी, हेमचंद्र अग्रवाल, बिमल केजरीवाल, देवकीनंदन तोदी, सत्यनारायण देवरालिया, घनश्याम गुप्ता, रमेश बेरीवाल, दीपक मुरारका, रमेश लोधा, संजय काला, सुनील पहाड़िया, संजय लोहारिया, कमल
केडिया,प्रदीप अग्रवाल, रमेश माहेश्वरी, भवरलाल राठी, नंदलाल सिंघानिया, बिमल मल्लावत, श्रीप्रकाश तोषनीवाल, हरिकृष्ण सराफ, संजय बरडिया आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे. गोमाता के जयकारे के साथ बैठक का समापन हुआ.