पर्यटन को बढ़ावा देने की योजना, आ सकते हैं लियोनार्दों द कैप्रियो
दिलीप ने किया कटाक्ष कहा : कुछ विदेशी सैलानियों को बुलाने से नहीं बढ़ेगा पर्यटन
कोलकाता :बंगाल का सबसे बड़ा त्यौहार दुर्गोत्सव दरवाजे पर दस्तक दे रहा है. दूसरी तरफ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की नेतृत्व वाली पश्चिम बंगाल सरकार ने इसे विश्व पटल पर रखने की तैयारी भी शुरू कर दी है. पूजा को देश के साथ ही विदेशी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनाने के लिए पर्यटन विभाग दिन-रात एक किए हुए है.
इसके लिए फ्रांस के पर्यटन निदेशक सात्रो पियार से लेकर विश्व विख्यात फिल्म टॉइटेनिक के अभिनेता लियोनार्दो द कैप्रियो तक को लाने की कोशिशें जारी हैं. इतना ही नहीं राज्य सरकार ब्रूनेई के सुल्तान अलावा मशहूर फुटबाल क्लब चेलसी के मालिक को भी लाने की कोशिश कर रही है.
इससे लोगों में पूजा के प्रति आकर्षण बढ़ेगा और इन मशहूर विदेशी हस्तियों के यहां पहुंचने पर विदेशी पर्यटक भी पूजा के प्रति आकर्षित होंगे, जिससे बंगाल के पर्यटन उद्योग को काफी बढ़ावा मिलेगा, ऐसा पर्यटन विभाग का मानना है. इस बारे में राज्य के पर्यटन सचिव अत्रि भट्टाचार्य का कहना है कि इन लोगों के आने से पूजा के प्रति दूसरे संस्थानों, उनके सहयोगियों व पर्यटकों में भी दिलचस्पी बढ़ेगी.
इसके अलावा 10 बड़े विश्वस्तरीय टूर ऑपरेटरों के दल को भी पूजा में लाया जा रहा है. पिछले साल अन्य वर्षों के मुकाबले आठ फीसदी विदेशी पर्यटकों ने कोलकाता के होटलों में बुकिंग करायी थी. पर्यटन सचिव ने दावा किया कि इस बार इसमें और भी वृद्धि होगी. उल्लेखनीय है कि 12-14 सितंबर के बीच इंडियन एसोसिएशन ऑफ टूर ऑपरेटर्स 17 साल बाद कोलकाता में सेमिनार करने जा रहे हैं, जिसमें 1500 टूर ऑपरेटरों के शामिल होने की उम्मीद है. इस बार के सेमिनार का थीम भी दुर्गोत्सव ही है. सरकार अब दोल (होली) एवं पोइला बैशाख को भी पर्यटन के नजरिये से देख रही है. इसके लिए भी कोशिशें जारी हैं.
राज्य के पर्यटन स्थलों को विकसित करने की जरूरत
प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष ने राज्य सरकार की पहल पर कटाक्ष करते हुए कहा कि दुर्गापूजा पश्चिम बंगाल की संस्कृति है, लेकिन कुछ विदेशियों को केवल बुला कर दुर्गापूजा को विश्व पटल पर नहीं रखा जा सकता है, वरन राज्य के पर्यटन स्थलों को विकसित करना होगा. राज्य में कई ऐसे पर्यटन स्थल हैं, जहां विश्व के पर्यटकों को लुभाया जा सकता है, लेकिन राज्य सरकार इस बाबत कोई कोशिश नहीं कर रही है.