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डोला सेन के इएसआइसी में नामित होने पर गरमायी राज्य की राजनीति

ममता ने मांगा था समर्थन : मुकुल मुकुल का बयान हास्यास्पद : पार्थ कोलकाता : राज्यसभा में कर्मचारी राज्य बीमा निगम (इएसआईसी) की गवर्निंग कांउसिल में तृणमूल कांग्रेस की सांसद डोला सेन की जीत को लेकर राज्य की राजनीति गरमा गयी है. भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति के सदस्य मुकुल राय ने दावा किया कि […]

ममता ने मांगा था समर्थन : मुकुल

मुकुल का बयान हास्यास्पद : पार्थ
कोलकाता : राज्यसभा में कर्मचारी राज्य बीमा निगम (इएसआईसी) की गवर्निंग कांउसिल में तृणमूल कांग्रेस की सांसद डोला सेन की जीत को लेकर राज्य की राजनीति गरमा गयी है. भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति के सदस्य मुकुल राय ने दावा किया कि डोला सेन भाजपा सांसदों की मदद से जीती हैं और ममता बनर्जी ने डोला सेन को जीतने के लिए भाजपा से समर्थन मांगा था. जब वह डोला सेन की जीतने के लिए भाजपा से बात कर सकती हैं, तो फिर वह सब्यसाची सेन से मिलते हैं, तो इसमें तृणमूल कांग्रेस को क्या आपत्ति है.
दूसरी ओर, तृणमूल कांग्रेस के महासचिव व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने मुकुल राय के दावा को हास्यास्पद करार देते हुए कहा कि ममता बनर्जी सांप्रदायिकता विरोधी हैं. यह पूरा देश जानता है और इसे साबित करने के लिए किसी के बयान की जरूरत नहीं है. इस पर पूरा देश विश्वास करता है. तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुखेंदु शेखर राय ने कहा कि राज्य सरकार की एक कमिटी के वोट के लिए ममता बनर्जी फोन करेगी. यह दावा पूरी तरह से निराधार और हास्यास्पद है. यह उसी तरह से है, जैसे कोई राष्ट्रपति को फोन करे. उन्होंने कहा कि यह राज्यसभा की एक कमिटी के लिए मात्र वोट था और भाजपा सांसदों ने क्यों तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार को वोट दिया. भाजपा नेताओं को यह अपने सांसदों से पूछना चाहिए था.
उल्लेखनीय है कि इएसआइसी की गवर्निंग कांउसिल पद के लिए हुए मतदान में 156 वोट डाले गये थे. इनमें 90 वोट डोला सेन को मिले थे. उनके प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के प्रदीप भट्टाचार्य को 46 और माकपा के इलामारम करीम को आठ वोट मिले, जबकि 12 वोट अमान्य घोषित कर दिये गये.
इएसआइसी की गवर्निग कांउसिल में एक राज्यसभा सदस्य को नामित किया जाता है. राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस की कुल सदस्य संख्या 13 है, जबकि कांग्रेस के 48, माकपा के पांच और भाकपा के दो सदस्य हैं. तृणमूल उम्मीदवार को भाजपा सांसदों के भी वोट मिले थे. इस वजह से तृणमूल उम्मीदवार विजयी हुई थी.
दूसरी ओर, तृणमूल कांग्रेस ने मुकुल राय के खिलाफ राज्यसभा में विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाने की घोषणा की है. डोला सेन खुद ही श्री राय के खिलाफ विशेषाधिकार हनन की नोटिस जमा देगी. राज्यसभा सांसद सुखेंदु राय ने कहा कि इससे यह साबित हो जाता है कि श्री राय को भारतीय संसदीय व्यवस्था पर कोई सम्मान नहीं है.

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