रानीगंज : भाजपा रानीगंज शहर मंडल कार्यालय एवं वार्ड नंबर 36 के उत्तरपली दुर्गा पूजा मंडप के समीप प्रबीर गोस्वामी के नेतृत्व में जबकि वार्ड नंबर 92 स्थित भाजपा नगर कार्यालय में ड़ा. श्याम प्रसाद मुखर्जी का बलिदान दिवस मनाया गया.
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भाजपा ने मनाया डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी का बलिदान दिवस
रानीगंज : भाजपा रानीगंज शहर मंडल कार्यालय एवं वार्ड नंबर 36 के उत्तरपली दुर्गा पूजा मंडप के समीप प्रबीर गोस्वामी के नेतृत्व में जबकि वार्ड नंबर 92 स्थित भाजपा नगर कार्यालय में ड़ा. श्याम प्रसाद मुखर्जी का बलिदान दिवस मनाया गया. इस अवसर पर भाजपा के वरिष्ठ कार्यकर्ता अमरनाथ केशरी, ओमकार केशरी, रानीगंज मंडल अध्यक्ष […]
इस अवसर पर भाजपा के वरिष्ठ कार्यकर्ता अमरनाथ केशरी, ओमकार केशरी, रानीगंज मंडल अध्यक्ष शमशेर सिंह, महासचिव दिनेश सोनी, संजीव मोहन्ती, मदन त्रिवेदी, देवकुमार बोस, शताब्दी चटर्जी आदि ने डॉ श्यामाप्रसाद मुखर्जी के फोटो पर माल्यार्पण कर प्रकाश डाला.
बताया कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जन्म छह जुलाई 1901 को कलकता के प्रतिष्ठित परिवार हुआ था. डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी पिता आशुतोष मुखर्जी शिक्षाविद् के रूप में विख्यात थे.
डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी कलकत्ता विश्वविद्यालय से स्नातक होने के पश्चात 1923 में सेनेट के सदस्य बने. सन 1924 में पिता की मृत्यु के बाद उन्होंने कलकत्ता हाई कोर्ट में वकालत के लिए पंजीकरण कराया. 1926 में उन्होंने इंग्लैंड के लिए प्रस्थान किया जहाँ लिंकन्स इन से उन्होंने 1927 में बैरिस्टर की परीक्षा उत्तीर्ण की.
33 वर्ष की आयु में डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने कलकत्ता विश्वविद्यालय के कुलपति नियुक्त हुए और विश्व का सबसे युवा कुलपति होने का सम्मान प्राप्त किया. 1938 तक इस पद को शुशोभित करते रहे.
डॉ॰ मुखर्जी सच्चे अर्थों में मानवता के उपासक और सिद्धान्तवादी थे. उनके राजनैतिक जीवन की शुरुआत वर्ष 1929 में हुई, जब उन्होंने कांग्रेस पार्टी के टिकट पर बंगाल विधान परिषद में प्रवेश किया. जब कांग्रेस ने विधान परिषद के बहिष्कार का निर्णय लिया तब उन्होंने इस्तीफा दे दिया. इसके पश्चात उन्होंने स्वतंत्र उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा और चुने गए. सन 1941-42 में वह बंगाल के वित्त मंत्री रहे.
सन 1937 से 1941 के बीच जब कृषक प्रजा पार्टी और मुस्लिम लीग की साझा सरकार थी तब वो विपक्ष के नेता थे और जब फजलुल हक़ के नेतृत्व में एक प्रगतिशील सरकार बनी तब उन्होंने वित्त मंत्री के तौर पर कार्य किया पर एक साल बाद ही इस्तीफा दे दिया. अपनी विशिष्ट रणनीति से उन्होंने बंगाल विभाजन के मुस्लिम लीग के प्रयासों को पूरी तरह से नाकाम कर दिया.
1942 में ब्रिटिश सरकार ने विभिन्न राजनैतिक दलों के छोटे-बड़े सभी नेताओं को जेलों में डाल दिया. पंडित जवाहरलाल नेहरू ने उन्हें अंतरिम सरकार में उद्योग एवं आपूर्ति मंत्री के रूप में शामिल किया. नेहरू और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री लियाकत अली के बीच हुए समझौते के पश्चात छह अप्रैल 1950 को उन्होंने मंत्रिमंडल से त्यागपत्र दे दिया.
इसके बाद उन्होंने एक नए राजनैतिक दल की स्थापना की जो उस समय सबसे बडा विरोधी दल था. इस प्रकार अक्टूबर, 1951 में भारतीय जनसंघ का उद्भव हुआ. 1952 के चुनाव में भारतीय जनसंघ ने कुल तीन सीटें जीतीं, इसमें एक उनकी खुद की सीट शामिल थी. डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की 23 जून 1953 को रहस्यमयी परिस्थितियों में मौत हो गई. कश्मीर मुद्दे पर उन्होंने ही नारा दिया देश में एक निशान, दो विधान, दो प्रधान नहीं चलेंगे.
वहीं दूसरी ओर भाजपा जामुड़िया नगर मंडल ने जामुड़िया बाजार में डा श्यामा प्रसाद मुखर्जी का बलिदान दिवस मनाया गया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भाजपा नेता संतोष सिंह एवं डॉ प्रमोद पाठक ने उनके जीवनी पर प्रकाश डाला. भाजपा नेता निरंजन सिंह ने कहा कि बंगाल की धरती बलिदान की धरती है, जिसने न जाने कितने ही वीरों को जन्म दिया. देश के उन्ही वीरों में से एक नाम डा श्यामा प्रसाद मुखर्जी का है.
आज उन्ही के कारण ही जम्मू कश्मीर, पंजाब तथा पश्चिम बंगाल भारत का अभिन्न अंग है अन्यथा पाकिस्तान का हिस्सा होता. इस कार्यक्रम में मंडल अध्यक्ष सुनील सिंह, सुशील जोशी, धर्मेंद्र पासवान, रंजीत गांधी, राना बनर्जी, दिवाकर सिंह, जंगबहादुर, रविन्द्र सिंह, काली शर्मा, सन्नी सिंह, मनोज सिंह, राकेश शर्मा आदि कार्यकर्ता उपस्थित थे.
डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी का बलिदान दिवस मनाया
पानागढ़. पूर्व बर्दवान जिला भाजपा पार्टी कार्यालय में रविवार को डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी का बलिदान दिवस मनाया. इस दौरान बर्दवान दुर्गापुर लोकसभा के भाजपा सांसद सुरेंद्र सिंह आहलूवालिया ने डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के जीवन पर प्रकाश डाला. उनके आदर्शों को कार्यकर्ताओं, समर्थकों व नेताओं को समाहित करने का आह्वान किया. इस दौरान भाजपा के जिला पार्टी अध्यक्ष संदीप नंदी के अलावा जिला पार्टी के नेता, कार्यकर्ता व समर्थक उपस्थित थे. कार्यक्रम के पूर्व डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की तस्वीर पर सांसद व जिला नेताओं ने श्रद्धांजलि अर्पित की.
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