झील बाजार में साफ-सफाई के अभाव में फैल रही है गंदगी
बदहाल स्थिति में बाजार
नावों की हालत जर्जर
कोलकाता : पूर्वी भारत के एक मात्र फ्लोटिंग मार्केट की दशा बदतर हो गयी है. अब इसके भविष्य पर भी सवाल उठाने लगे हैं. पिछले वर्ष जिस फ्लोटिंग मार्केट का धूमधाम से उद्घाटन किया गया था, वह अब अपने भविष्य पर आंसू बहा रहा है. विदित हो कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने थाइलैंड की तर्ज पर नौ करोड़ की लागत से इस बाजार को बसाया था. शुरुआती दौर में तो लोग इसे देखने व घूमने यहां आते थे और खरीददारी भी कर लेते थे, लेकिन अब इस बाजार को लेकर लोगों की उत्सुकता खत्म हो गयी है.
अब भी शनिवार और रविवार की शाम को यहां काफ़ी भीड़ जुटती है, लेकिन वह महज घूमने और सेल्फी लेने वालों की भीड़ होती है. इस वजह से यहां के दुकानदरों को भारी नुकसान सहन करना पड़ रहा है.
नावों की हालत जर्जर
इस फ्लोटिंग मार्केट में लगभग 114 नावों पर तकरीबन 202 दुकानदार फल, सब्जियां, अनाज, मांस-मछली व चाय-नाश्ता बेच रहे हैं. यह तैरता हुआ बाजार सुबह पांच बजे से रात 11 बजे तक चलता है. कोलकाता मेट्रोपोलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी द्वारा बाजार को तैयार किया गया है. बैंकॉक के फ्लोटिंग मॉर्केट से इसकी तुलना की जा रही है,लेकिन व्यवस्था व सुविधाओं के लिहाज से यह बैंकॉक से काफी पीछे हैं. झील के पानी के गंदा होने के कारण पानी में मच्छर के लार्वा पनप रहे हैं.
शाम होते ही पूरे बाजार परिसर में मच्छरों का उत्पात शुरू हो जाता है. दुकानदारों के अनुसार शाम के वक्त यहां बैठना मुश्किल हो जाता है. वहीं अब देखरेख के अभाव में नावों की सेहत भी बिगड़ती जा रही है. कई नाव टूट भी गये हैं और कई में बड़े-बड़े छेद हो गये हैं. अब दुकानदरों को खुद नावों की मरम्मत करनी पड़ रही है. फ्लोटिंग मार्केट में नाई की दुकान लगानेवाले शुभेंदु नस्कर ने बताया कि यहां के करीब 70 फीसदी दुकानदार बाजार को छोड़ चुके हैं.