नयी दिल्ली/कोलकाता : हालिया संपन्न लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल में भाजपा और तृणमूल कांग्रेस में टकराव के बीच माकपा को अपने पार्टी कार्यालयों पर फिर से कब्जा करने का मौका मिला है. सूत्रों का कहना है कि पार्टी ने पिछले चार दिनों में 150 से ज्यादा कार्यालय फिर से खोले हैं.
बांकुड़ा, पुरुलिया, कूचबिहार, बर्द्धमान, हुगली, उत्तरी 24 परगना और हावड़ा समेत अनेक जगहों पर माकपा के कार्यकर्ताओं ने पार्टी कार्यालय पर फिर से कब्जा जमा लिया है. दीवारों पर पार्टी का चुनाव चिह्न भी अंकित किये जा रहे हैं. इमारत के ऊपर शान से झंडे भी लहरा रहे हैं. माकपा के वरिष्ठ नेता एवं पोलितब्यूरो सदस्य निलोत्पल बसु ने कहा, भाजपा का आईटी सेल दुष्प्रचार कर रहा है कि भाजपा, माकपा को अपना कार्यालय पर कब्जा पाने में मदद कर रही है. यह पूरी तरह झूठ है.
हमने अपने कार्यालयों पर फिर कब्जा किया है जिसे तृणमूल कांग्रेस ने हमसे छीन लिया था. हम ऐसा इसलिए कर पाए क्योंकि तृणमूल कांग्रेस कमजोर हुई है, उसका घटता जनाधार स्पष्ट है. हमारे लोग कार्यालयों पर कब्जा पाने की कोशिश कर रहे थे. वर्ष 2011 में पार्टी के ये सभी कार्यालय माकपा के थे. वाम मोर्चा के 34 साल तक सत्ता में रहने के बाद ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस से हार के बाद उन्हें तृणमूल कांग्रेस ने हथिया लिया था और उसकी दीवारों पर पार्टी का चुनाव चिह्न दो पत्ती डाल दिया गया था.