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कोलकाता : अब इको फ्रेंडली मिक्स प्लांट से होगा सड़क निर्माण

कोलकाता : पर्यावरण विशेषज्ञों की ओर से महानगर में बढ़ते वायु प्रदूषण के खतरे को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रीब्यूनल (एनजीटी) में एक शिकायत दर्ज की गईं. जिसमें स्पष्ट कहा गया कि, सड़क निर्माण हेतु हॉट मिक्स प्लांट में जो मसाला तैयार किया जाता है उससे बड़ी मात्रा में धूलकण उड़ता है. आस-पास का सारा वातावरण […]

कोलकाता : पर्यावरण विशेषज्ञों की ओर से महानगर में बढ़ते वायु प्रदूषण के खतरे को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रीब्यूनल (एनजीटी) में एक शिकायत दर्ज की गईं. जिसमें स्पष्ट कहा गया कि, सड़क निर्माण हेतु हॉट मिक्स प्लांट में जो मसाला तैयार किया जाता है उससे बड़ी मात्रा में धूलकण उड़ता है. आस-पास का सारा वातावरण धुंधला हो जाता है.

गौरतलब है कि एनजीटी ने उक्त शिकायत पर निगम को हॉट मिक्स प्लांट बंद करने का निर्देश जारी किया. निगम ने पालन भी किया. पर सड़क का काम रूकने से काफी कठिनाईं का सामना करना पड़ा. क्योंकि कईं ऐसे सड़कें थीं जिनका काम अंतिम चरण में था. जिसे देखते हुए निगम ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की.

न्यायालय ने निगम को राहत पहुंचाते हुए हॉट मिक्स प्लांट को अप्रैल तक इस्तेमाल करने की अनुमति दी है. साथ ही निगम को हॉट प्लांट के बदले वैकल्पिक व्यवस्था करने का निर्देश दिया है. विदित हो कि महानगर के गोरागाछा तथा पामेर बाजार इलाके में निगम का हॉट मिक्स प्लांट स्थित है. निगम के मेयर परिषद सदस्य (रोड) रतन दे ने संवाददाताओं को उक्त जानकारी दी.
बताया कि गुरुवार को निगम रोड विभाग के अधिकारियों के साथ मेयर फिराहद हकीम ने बैठक की. अप्रैल तक प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए हॉट मिक्स प्लांट में वेस्ट बंगाल पल्यूूशन कंट्रोल बोर्ड की सुझाव पर कुछ मशीन को इंस्टॉल किया गया है. अगले सप्ताह निगम के रोड विभाग के इंजीनियर तथा वेस्ट बंगाल पल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के अधिकारी उक्त प्लांट का निरीक्षण करेंगे. अप्रैल के बाद से बैच मिक्स प्लांट का उपयोग किया जाएगा.
बैच मिक्स के इस्तेमाल से होगा प्रदूषण कम
श्री दे ने कहा कि यह बैच मिक्स प्लांट तकनीकी व बनावट दोनों लहजे में हॉट मिक्स मशीन से अलग हैं. बैच मिक्स से प्रतिदिन का उत्पादन क्षमता 120 मीट्रिक टन है. जिसमें बालू-सीमेंट, गारा आदि मसाला मिक्सिंग का काम पूरी तरह से बंद चैंबर में होगा. इससे धूलकण हवा में नहीं फैलेगा. दूसरा इस मशीन में ट्विन सॉफट होंगे, पूरी तरह से अटोमेटेड.
इसमें पानी की खपत बहुत कम होगी, साथ ही सॉलिड़ वेस्ट कचरा बहुत ही कम एक अलग चैंबर में इकट्ठा होगा. यह प्लांट राजारहाट के शिराकोल में तैयार किया जायेगा. राज्य के पीडब्ल्यूडी विभाग की ओर से यह स्थान मुहैया करवाया गया है. इस प्लांट को बनाने में करीब दो से ढाई करोड़ रुपये की लागत आएगी. इसके लिए टेंडर भी जारी कर दिया गया है. मेयर की ओर से एनओसी दिये जाने के बाद निर्माण आरंभ कर दिया जायेगा.

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