कोलकाता. अलीपुर चिड़ियाखाना में बाघों की संख्या बढ़ रही है. देश के अन्य चिड़ियाघरों से मांगने के बावजूद अलीपुर चिड़ियाघर को बाघ नहीं मिल रहे हैं. अभी से अगर सतर्कता नहीं बरती गयी तो कुछ वर्ष के बाद अलीपुर चिड़ियाघर में बाघ नजर नहीं आयेंगे.
इसलिए बाघों को बचाने के लिए नौ वर्ष के बाद अलीपुर चिड़ियाघर में बाघों का प्रजनन शुरू किया जा रहा है. स्टेट जू अथॉरिटी ने इस फैसले को हरी झंडी भी दिखा दी थी. इस बीच अलीपुर चिड़ियाघर में प्रजनन प्रक्रिया शुरू भी कर दी गयी है. वर्तमान में अलीपुर चिड़ियाघर में सात बाघ हैं.
जिनमें से तीन अधिक उम्र के हैं. प्रजनन प्रक्रिया के लिए कम उम्र के दो बाघ व बाघिन का चयन किया गया है. बाघ सुंदरवन के रॉयल बंगाल टाइगर प्रजाति का है. जबकि बाघिन सादा बाघिन है. प्रजनन प्रक्रिया के अनुसार दोनों बागों को आसपास के दो खांचे में रखा गया है. बाघ व बाघिन के बीच संपर्क बढ़ाने के लिए दोनों खांचे के बीच इस्पात की बनी दीवार को खोल दिया गया है. इसके साथ ही प्रजनन इच्छा शक्ति को बढ़ाने के लिए खाने के साथ दवा भी मिल कर दी जा रही है. दोनों के बीच अच्छा संबंध बनने के बाद बाघ व बाघिन दोनों को एक ही खांचे में रखा जायेगा.