– कई घरों के टीन की छतों को नुकसान, सेना की मदद से पूरा ऑपरेशन कामयाब
– पूरे इलाके में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ायी गयी, भारत-बांग्लादेश सीमा पर हाई अलर्ट
– जांच के लिए दिल्ली से भी आयी विशेष टीम, सभी जांच एजेंसियों की खुफिया टीम सक्रिय
विपिन राय@सिलीगुड़ी
सिलीगुड़ी से सटे फांसीदेवा स्थित भारत-बांग्लादेश सीमांत इलाके में एक कैनाल से बरामद 81 एमएम के मोर्टार शेल (बम) को करीब 30 घंटे से अधिक समय तक तक चली खींचतान के बाद निष्क्रिय कर दिया गया. चटेरहाट के निकट कैनाल के किनारे ही एक बड़ा गड्ढा खोदा गया. चारों ओर बालू से भरी बोरियों का घेरा बनाया गया. सेना की मदद से इन बमों को निष्क्रिय करने में सफलता मिली. इस मौके पर पुलिस, सीआईडी व बीएसएफ के तमाम आला अधिकारी भी उपस्थित थे. जबकि ये बम कहां से आये इसको लेकर अभी भी कुछ साफ नहीं हो सका है.
पुलिस और सेना सहित तमाम सुरक्षा एजेंसियों के होश उड़े हुए हैं. मिली जानकारी के अनुसार बरामद शेल अति शक्तिशाली थे. सेना सूत्रों के अनुसार इनका प्रयोग सेना दुश्मनों के ठिकानों को तबाह करने के लिए करती है. यहां उल्लेखनीय है कि गुरुवार की सुबह फांसीदेवा थाना अंतर्गत निजबाड़ी से होकर गुजरनेवाली महानंदा कैनाल में चार मोर्टार शेल देखे गये थे. जानकारी मिलते ही फांसीदेवा थाना प्रभारी सुजीत लामा सहित पुलिस के तमाम आला अधिकारी मौके पर पहुंच गये थे.
इसके तुरंत बाद दार्जिलिंग जिला पुलिस के डीएसपी (ग्रामीण) प्रवीर मंडल भी पहुंचे. यह सभी लोग कल से ही मौके पर कैंप लगाकर थे. इसके अलावा बीएसएफ के भी कई वरिष्ठ अधिकारी मौके पर लगातार नजर रख रहे थे. सेना की टीम हालांकि मौके पर नहीं पहुंची थी. बृहस्पतिवार को ही जिला प्रशासन ने सेना को मोर्टार शेल बरामद होने की जानकारी दे दी थी.
सेना सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मोर्टार शेल इतने शक्तिशाली थे कि बगैर दिल्ली के आला अधिकारियों की मंजूरी के इस मामले में सेना हस्तक्षेप नहीं कर सकती थी. इसीलिए बृहस्पतिवार को सेना की टीम मौके पर नहीं पहुंची. हालांकि सेना पूरी परिस्थिति पर नजर रख रही थी. दूसरी ओर बीएसएफ तथा राज्य पुलिस के खुफिया विंग के अधिकारी भी मौके पर नजर बनाये हुए थे.
शुक्रवार सुबह से एक बार फिर से उस इलाके में गहमागहमी शुरू हो गयी. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सेना के अधिकारी दिल्ली मुख्यालय से लगातार संपर्क साधे हुए थे. शुक्रवार सुबह सेना को दिल्ली मुख्यालय से हरी झंडी मिल गयी. उसके बाद सेना की पूरी टीम बम निरोधक दस्ते के साथ मौके पर आयी. यह सभी लोग मोर्टार शेल को निष्क्रिय करने में जुट गये.
पहले कैनाल के किनारे एक बड़ा गड्ढा बनाया गया. उसके चारों ओर बालू की बोरियां रखी गयी. सेना सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ये मोर्टार शेल इतने शक्तिशाली थे कि कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती थी. विस्फोट काफी बड़ी होने की संभावना थी. इसलिए पहले तमाम तरह के सुरक्षा उपाय किये गये. उसके बाद एक पर एक विस्फोट कर सभी मोर्टार शेल को निष्क्रिय किया गया.
इससे पहले 500 मीटर इलाके को आम लोगों से खाली करवा दिया गया. दोपहर बाद मोर्टार शेल निष्क्रिय करने की प्रक्रिया शुरू हुई. मौके से काफी दूर पुलिस ने जोरदार सुरक्षा घेरा बना रखा था. किसी को भी वहां जाने की अनुमति नहीं थी. मौके पर पहुंचने वाली तमाम सड़कों को भी बंद कर दिया गया था. स्थानीय ग्रामीणों की आवाजाही पर रोक लगा दी गयी थी. करीब तीन घंटे में एक पर एक धमाके के साथ चारों मोर्टार शेल को निष्क्रिय किया गया.
धमाके इतने जोरदार थे कि आसपास के इलाके में रहने वाले लोग दहशत में आ गये. कुछ कच्चे मकान के टीन के बने छतों को नुकसान होने की भी खबर है. स्थानीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार धमाके की वजह से कई घरों के टीम के छत में छेद हो गये हैं. हालांकि सेना तथा पुलिस ने इन बातों को खारिज कर दिया है.
दूसरी ओर इतने शक्तिशाली मोर्टार शेल के बरामद होने से बीएसएफ की भी नींद उड़ी हुई है. घटनास्थल से भारत बांग्लादेश की सीमा मात्र दो किलोमीटर की दूरी पर है. यह भी हो सकता है कि मोर्टार शेल को बांग्लादेश से भारतीय सीमा क्षेत्र में लाने की कोशिश की गयी हो या फिर भारतीय सीमा क्षेत्र से बांग्लादेश सीमा पार कराने की कोशिश की जा रही हो. हालांकि बीएसएफ के आला अधिकारी इस मामले में कुछ भी नहीं कहना चाह रहे हैं.
ऐसे सूत्रों के अनुसार बीएसएफ की खुफिया शाखा अपने स्तर पर इस मामले की जांच कर रही है. दूसरी ओर भारत बांग्लादेश सीमा पर सुरक्षा और कड़ी कर दी गयी है. बीएसएफ सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सबसे चिंता की बात यह है कि मोर्टार शेल में सेफ्टी कैप भी लगे हुए थे. इसका मतलब है कहीं ना कहीं धमाके की योजना भी रही होगी.
बरहाल इस पूरे मामले की जांच की जा रही है. सूत्रों के अनुसार दिल्ली तथा कोलकाता से भी विशेष टीम इस मामले की जांच के लिए सिलीगुड़ी पहुंची है. इसके साथ ही पूरे इलाके की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गयी है. साथ ही सीमा पर हाई अलर्ट घोषित किया गया है. स्थानीय लोग डरे हुए हैं. उनका कहना है कि कहीं ना कहीं आतंकवादी गतिविधियों के लिए इसका उपयोग होना था.
इस घटना के 30 घंटा बीत जाने के बाद भी अभी तक यह साफ नहीं हो सका है कि आखिर मोर्टार शेल कहां से लाये गये. ग्रामीण डीएसपी प्रबीर मंडल का कहना है कि अभी पूरे मामले की जांच की जा रही है. फिलहाल कुछ भी कह पाना संभव नहीं है.
क्या है मामला
बृहिस्पतिवार को रोज की तरह कुछ स्थानीय लोग मछली पकड़ने कैनाल गये थे. कैनाल में ये शेल दिखे तो स्थानीय बच्चे उत्सुकतावश उससे खेलने लगे. उसी समय वहां से गुजर रहे एक सिविक वोलेंटियर ने बच्चों को उससे दूर किया और फांसीदेवा थाना को जानकारी दी. अति विस्फोटक होने की वजह से मौके पर पहुंचे सीआइडी के बम निरोधक दस्ते ने शेल को कैनाल से निकालने से इनकार कर दिया.
इसके बाद भारतीय सेना से अनुरोध किया गया.सीमांत इलाके से चार जिंदा मोर्टार शेल मिलने से कई सवाल उठ रहे हैं. मोर्टार शेल की तस्करी की आशंका भी जतायी जा रही है. खुफिया विभाग की मानें तो इन शेलों को तस्कर गिरोह के किसी वाहक द्वारा कहीं पहुंचाया जाना था.