– बंगाल पंचायत व्यवस्था में होंगे शामिल
कोलकाता : भारत और बांग्लादेश के बीच छीटमहल को लेकर समझौते के लगभग तीन सालों के बाद छीटमहल के लोगों के जमीन पर अधिकार की कानूनी मान्यता मिल गयी. सोमवार को विधानसभा में पश्चिम बंगाल भू कानून (निरस्त) विधेयक, 2018 ध्वनि मत से पारित हो गया. इस विधेयक पर हुई बहस में भाग लेते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि यह ऐतिहासिक विधेयक है.
उन्होंने कहा कि छीट महल के लोगों को उनके अधिकार देने में 60 वर्ष लगे हैं. इस विधेयक के कानून बनने के बाद छीटमहल की जमीन सरकार के अधीन हो गयी है और वहां के लोगों को रैयत दे दी जायेगी. उल्लेखनीय है कि 31 जुलाई 2015 को आजादी के करीब 68 सालों बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की मौजूदगी में दोनों देशों के बीच भूखंड साबेक छीटमहल का आदान-प्रदान हुआ था.
इस समझौते में भारत को 111 और बांग्लादेश को 51 भूखंड मिले थे. सुश्री बनर्जी ने कहा कि इस समझौते के बाद बांग्लादेश के छीटमहल में रह रहे 922 लोग भारत आये थे, लेकिन भारत के 17160 एकड़ जमीन पर रह रहे बांग्लादेश के 37334 लोगों ने भारत में ही रहने का निर्णय लिया था.
हालांकि समझौते के तहत भारत में रहने वाले लोगों को हर तरह की सुविधा देने पर सहमति बनी थी लेकिन तीन साल बाद भी राज्य सरकार की ओर से मिलने वाली तमाम तरह की सुविधाओं से ये लोग वंचित थे. हालांकि केंद्र सरकार की ओर से मतदाता पहचान पत्र दे दिया गया है.