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मालवाही वाहनों में ओवरलोडिंग पर ट्रक संगठन ने तेवर किये कड़े, कहा – और नहीं होगी बात, अब होगी सड़कों पर मुलाकात
कोलकाता : माझेरहाट ब्रिज का हिस्सा ढहने के बाद सरकार व प्रशासन ने मालवाहक वाहनों में ओवरलोडिंग के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के संकेत दे दिये थे. सूत्रों की मानें तो राज्य के कई हिस्सों में ओवरलोडिंग के मामले पूरी तरह से थमे नहीं हैं. इधर ओवरलोडिंग को लेकर लगातार विरोध करनेवाले संगठन फेडरेशन ऑफ वेस्ट […]
कोलकाता : माझेरहाट ब्रिज का हिस्सा ढहने के बाद सरकार व प्रशासन ने मालवाहक वाहनों में ओवरलोडिंग के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के संकेत दे दिये थे. सूत्रों की मानें तो राज्य के कई हिस्सों में ओवरलोडिंग के मामले पूरी तरह से थमे नहीं हैं. इधर ओवरलोडिंग को लेकर लगातार विरोध करनेवाले संगठन फेडरेशन ऑफ वेस्ट बंगाल ट्रक आॅपरेटर्स एसोसिएशन (एफडब्ल्यूबीटीओए) के भी तेवर कड़े हो गये हैं.
संगठन ने संकेत दे दिया है कि ओवरलोडिंग को लेकर अब प्रशासन से कोई बात नहीं होगी बल्कि वे जल्द सड़क पर उतर कर व्यापक आंदोलन का रुख करेंगे. जरूरत पड़ने पर संगठन के सदस्य सड़कों से गुजरनेवाले ओवरलोड वाहनों को स्वयं ही रोकेंगे. संगठन की ओर से आरोप लगाया गया कि ओवरलोडिंग पर अंकुश के लिए राज्य की मुख्यमंत्री समेत आला अधिकारियों से पत्र के माध्यम के आग्रह किया गया था
लेकिन मालवाहक वाहनों में ओवरलोडिंग के मामले पूरी तरह से नहीं थमे. प्रस्तावित आंदोलन की रणनीति तैयार करने के लिये 27 अक्तूबर को महानगर में संगठन की अहम बैठक होगी. बैठक में राज्य के प्रत्येक जिले से प्रतिनिधि मौजूद रहेंगे.
जानलेवा है ओवरलोडिंग
राज्य की ज्यादातर सड़कें ओवरलोडिंग और ओवरक्राउडिंग से जानलेवा बनती जा रही हैं. सूत्रों के अनुसार राज्य में करीब 32 प्रतिशत हादसों का कारण मालवाहक वाहनों में ओवरलोडिंग और क्षमता से ज्यादा यात्रियों को बैठाना यानी ओवरक्राउडिंग शामिल हैं. सड़क हादसों में करीब 30 प्रतिशत लोगों की मौत की वजह भी अोवरलोडिंग और ओवरक्राउडिंग है.
सूत्रों के अनुसार महानगर, बर्दवान, हुगली, उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना, मुर्शिदाबाद समेत अन्य कई जिलों के विभिन्न हिस्सों से ओवरलोडिंग वाहनों की बिहार, झारखंड समेत दूसरे राज्यों मेें होने वाली आवाजाही पूरी तरह से नहीं थमी है. केंद्र सरकार की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2015 में पूरे देश में ओवरलोडिंग व ओवरक्राउडिंग के कारण 77,116 सड़क हादसे हुए जिनमें करीब 25,199 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी और लगभग 81,182 लोग घायल हो गये.
डाकबाबू की मनमानी जारी
मालवाही वाहनों में ओवरलोडिंग की बात हो और डाकबाबू की बात न हो तो बात पूरी नहीं होती. सूत्रों के अनुसार नेशनल एवं स्टेट हाइवे के पास ऐसा गिरोह सक्रिय है जो ओवरलोडिंग मालवाही वाहनों को किसी प्रकार की प्रशासनिक अड़चन से बचाने के लिए रुपये वसूलता है.
फेडरेशन ऑफ वेस्ट बंगाल ट्रक आॅपरेटर्स एसोसिएशन के महासचिव सुभाष चंद्र बोस का कहना है कि शक्तिगढ़, मेमारी, कांकसा, आरामबाग, गोघाट, पांडुआ, डानकुनी समेत कई इलाके हैं, जहां डाकबाबू के नाम से जाने जानावाला गिरोह सक्रिय है. आरोप है कि यह गिरोह करीब 25 हजार रुपये मासिक लेते हैं, जबकि विभिन्न चेकपोस्ट पर यह रेट 500-800 रुपये तक भी होता है.
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