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दुर्गापूजा में राष्ट्रवाद फैलायेगी भाजपा, राष्ट्रवाद और भाजपा के साहित्य को लोगों तक पहुंचाने का काम करेंगे
नवीन कुमार राय, कोलकाता : बंगाल का सह प्रभारी बनते ही अरविंद मेनन ने यहां के नेताओं को जो टास्क दिया है, उससे सकते में आ गये हैं बंगाल भाजपा के नेता. दुर्गापूजा के दौरान लोग परिवार लेकर बाहर घूमने और आनंद मनाने का जो कार्यक्रम रखे थे, उस पर पानी फिर गया है, क्योंकि […]
नवीन कुमार राय, कोलकाता : बंगाल का सह प्रभारी बनते ही अरविंद मेनन ने यहां के नेताओं को जो टास्क दिया है, उससे सकते में आ गये हैं बंगाल भाजपा के नेता. दुर्गापूजा के दौरान लोग परिवार लेकर बाहर घूमने और आनंद मनाने का जो कार्यक्रम रखे थे, उस पर पानी फिर गया है, क्योंकि दुर्गापूजा के समय का राजनीतिक रूप से पूरी तरह इस्तेमाल करने का निर्देश उन्होंने दिया है.
आज प्रदेश भाजपा में दिन भर चली मैराथन बैठक में जहां वह प्रदेश के नेताओं से संगठन के प्रारूप और अब तक की तैयारियों का जायजा लिया, वहीं सीधे संकेत दिया कि पूजा के दौरान पार्टी की प्रचार पुस्तिका और साहित्य को जन-जन तक हर हाल में पहुंचाना होगा. इसके लिए भाजपा के नेता और कार्यकर्ता सड़कों पर वामपंथियों की तरह स्टॉल लगाकर राष्ट्रवाद और भाजपा साहित्य को लोगों तक पहुंचाने का काम करेंगे.
उल्लेखनीय है कि प्रदेश भाजपा ने खुद को सांगठनिक रूप से 38 जिलों में विभाजित करके रखा है. इसमें दार्जिलिंग को छोड़कर शेष सभी जिलों में महत्वपूर्ण पूजा पंडालों के आस पास या सड़कों पर अपना स्टॉल लगाकर पार्टी का साहित्य और संदेश भाजपा के नेता और कार्यकर्ता जन-जन तक पहुंचायेंगे. प्रत्येक जिलों 12 से 14 स्टॉल बनाने का लक्ष्य रखा गया है. इसमें एनआरसी की पुस्तकों के अलावा भारतीय महापुरुषों के जीवन से जुड़ी पुस्तकें, खासतौर पर डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी, वीर सावरकर व पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जीवन से जुड़ी पुस्तकें होंगी.
स्टॉल लगाने की बात पर प्रदेश भाजपा की महासचिव देवश्री चौधुरी कहती हैं कि दुर्गापूजा के दौरान लोग पूरी तरह से खुले माहौल में खुले दिमाग के साथ पूजा का आनंद उठाते हैं, ऐसे में उन लोगों तक आसानी से अपनी बात पहुंचायी जा सकती है. इसके अलावा तृणमूल कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता दुर्गापूजा के आयोजन में व्यस्त रहेंगे, क्योंकि तकरीबन सभी पूजा कमेटियों पर उनका ही कब्जा है. ऐसे में उनकी व्यस्तता का फायदा हमलोग राजनीतिक रूप से इस तरह उठा सकते हैं. इसकी पूरी रणनीति तय कर ली गयी है. अब उसको अमलीजामा पहनाने भर की जरूरत है.
गौरतलब है कि अब तक केवल राज्य में वामपंथी दल ही दुर्गापूजा के दौरान अपना साहित्य जन-जन तक पहुंचाने के लिए स्टॉल लगाते थे. इसके बाद आरएसएस और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की ओर से सीमित संख्या में स्टॉल लगाया जाने लगा. बाद में जब तृणमूल कांग्रेस अस्तित्व में आयी तो जागो बांग्ला के नाम से स्टॉल लगाया जाने लगा. अब भाजपा पूरे दमखम के साथ मैदान में उतर गयी है.
संजय, राजू व विश्वप्रिय संभालेंगे सागर रैली की कमान
कोलकाता. भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के निर्देश पर लोकसभा चुनाव के पहले पश्चिम बंगाल के सभी विधानसभा केंद्रों को छूते हुए तीन रैली निकालने के फैसले को अमलीजामा पहना गया है. प्रदेश भाजपा के पदाधिकारियों की पिछले तीन दिनों से चल रही बैठक में तय यह हुआ है कि तीन दिसंबर से रैली की शुरुआत होगी. एक रैली पार्टी के वरिष्ठ नेता विश्वप्रिय राय चौधुरी के नेतृत्व में वीरभूम से निकलेगी, दूसरी रैली उत्तर बंगाल से प्रदेश महासचिव राजू बनर्जी के नेतृत्व में निकलेगी और सबसे अहम रैली सागर द्वीप से निकलेगी, जो कोलकाता पहुंचेगी.
इस रैली का उद्घाटन खुद अमित शाह करेंगे और इसका समापन कोलकाता में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे. बैठक में तय हुआ है कि किसी भी तरह इस रैली को भव्य बनाने के साथ इसको आम लोगों से जोड़ना होगा. तय रणनीति के तहत अगर इस रैली पर तृणमूल कांग्रेस के लोग हमला करते हैं तो यह सीधे-सीधे आम जनमानस में उनकी छवि खराब करने के लिए सक्षम होगा. रैली की निगरानी खुद प्रदेश के वरिष्ठ नेता करेंगे ही. साथ में अरविंद मेनन खुद मैदान में डटे रहेंगे.
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