कोलकाता: रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अरुनेंद्र कुमार ने कहा कि एक ओर जहां रेलवे के पास फंड की समस्या है, वहीं जमीन अधिग्रहण भी एक प्रमुख समस्या है. दोनों ऐसी समस्या हैं जिसके कारण कोलकाता व हावड़ा को जोड़ने वाली बहुप्रतीक्षित इस्ट-वेस्ट परियोजना पूरी नहीं हो पा रही है. लेकिन संभव है आने वाले समय में इसे हल कर लिया जायेगा.
बुधवार को पूर्व रेलवे, दक्षिण पूर्व रेलवे और मेट्रो रेलवे के महाप्रबंधकों के साथ हुई उच्च स्तरीय बैठक के बाद सियालदह डिवीजन के ऑफिसर रेस्ट रूम में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि केवल मेट्रों ही नहीं, बल्कि रेलवे की अन्य परियोजनाएं भी अधर में पड़ी हुई हैं.
उन्होंने कहा कि इस बैठक में उन्होंने पूर्व रेलवे, दक्षिण पूर्व रेलवे और मेट्रो में यात्री सुरक्षा, संरक्षा आदि मुद्दों सहित लंबी व लोकल ट्रेनों की पंच्युलिटी के बारे में विशेष रूप से चर्चा की. उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष ट्रेनें कम लेट हुई जबकि इसी दौरान दुर्घटनाओं के मामले भी ना के बराबर हुए.
पूर्व व दक्षिण पूर्व रेलवे के कार्यो की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि इन दोनों ही जोनों में लंबी दूरी के मुकाबले उपनगरीय ट्रेनों ने समय प्रबंधन के मामले में बेहतर प्रदर्शन किया. उन्होंने बताया कि बहुत जल्द रेलवे में नवनियुक्त 17 हजार रेलवे सुरक्षा बलों को विभिन्न रेलवे मंडलों में तैनात किया जायेगा. उन्होंने बताया कि इसमें 10 प्रतिशत महिला आरपीएफ कर्मी की भी भरती हुई है. सुरक्षा बलों की कमी ङोल रहे रेलवे के लिए यह एक उपलब्धि के सामन है और अब महिला बोगियों में महिला आरपीएफ की तैनाती का वादा भी पूरा होगा.
उन्होंने कहा कि बुलेट ट्रेन चलाने के लिए सव्रे का काम तेजी से चल रहा है. भारतीय रेलवे फ्रांस रेलवे के साथ मिल कर देश के सात संभावित मार्गो पर शोध कर रही है, इसमें एक मार्ग दिल्ली-मुंबई भी है. संवाददाता सम्मेलन के दौरान पूर्व रेलवे के महाप्रबंधक आर के गुप्ता, दक्षिण पूर्व रेलवे के महाप्रबंधक राधेश्याम और मेट्रो रेलवे के महाप्रबंधक राजीव भार्गव सहित रेलवे के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.