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भाषा के नाम पर देश बांटने नहीं देंगे : मुख्यमंत्री

कोलकाता : देश को भाषा के नाम पर बांटने नहीं देंगे. राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के नाम पर जिस प्रकार से हिंदी व बांग्लाभाषी लोगों के नाम असम में नागरिकता की सूची से हटाये गये हैं, ऐसा पश्चिम बंगाल में कभी नहीं होगा. बंगाल में सभी धर्म, जाति व भाषा के लोगों का समान अधिकार […]

कोलकाता : देश को भाषा के नाम पर बांटने नहीं देंगे. राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के नाम पर जिस प्रकार से हिंदी व बांग्लाभाषी लोगों के नाम असम में नागरिकता की सूची से हटाये गये हैं, ऐसा पश्चिम बंगाल में कभी नहीं होगा. बंगाल में सभी धर्म, जाति व भाषा के लोगों का समान अधिकार है.
ये बातें शुक्रवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नेताजी इंडोर स्टेडियम में राष्ट्रीय बिहारी समाज की ओर से आयोजित हिंदी उत्सव सम्मान समारोह के दौरान कहीं. इस समारोह में राष्ट्रीय बिहारी समाज की ओर से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को सम्मानित किया गया.
मुख्यमंत्री ने अपने संबाेधन में कहा कि बंगाल एक मिनी भारत है, जहां हर धर्म, जाति के लोग प्यार से रहते हैं. लेकिन कुछ राजनीतिक पार्टियों को यह एकता पसंद नहीं. वह हमें भाषा, धर्म व जाति के नाम पर बांटना चाह रही हैं. लेकिन वे याद रखें कि बंगाल में ऐसा नहीं होने दिया जायेगा.
असम में जिस प्रकार से एनआरसी के नाम पर 40 लाख लोगों के नाम काट दिये गये, ऐसा बंगाल में कभी नहीं होगा. बंगाल सरकार यहां एनआरसी को कभी लागू नहीं करेगी. उन्होंने कहा कि हम हिंदुस्तान को टूटने नहीं देंगे, बंगाल में कभी भी भाषा के नाम पर कोई झगड़ा नहीं हुआ.
अन्य राज्यों की तुलना में बंगाल में हिंदी भाषियों की संख्या काफी अधिक है. सम्मान समारोह के दौरान राष्ट्रीय बिहारी समाज के अध्यक्ष मणि प्रसाद सिंह ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को गमछा ओढ़ा कर सम्मानित किया. इस मौके पर तृणमूल कांग्रेस सांसद सुब्रत बक्शी, शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम, सहकारिता मंत्री अरूप राय, उपभोक्ता मंत्री साधन पांडे, शिशु विकास व महिला कल्याण मंत्री डॉ शशि पांजा, भाटपाड़ा के विधायक अर्जुन सिंह, बाली की विधायक वैशाली डालमिया सहित अन्य गणमान्य उपस्थित रहे.
कार्यक्रम में पहुंचे सभी अतिथियों को राष्ट्रीय बिहारी समाज से जुड़े डॉ हरेंद्र सिंह, धनंजय सिंह, धमेंद्र सिंह, राम नरेश जायसवाल, सत्य प्रकाश पांडेय, धर्मेंद्र जैन व रणधीर सिंह ने सम्मानित किया. वहीं, कार्यक्रम का संचालन राष्ट्रीय बिहारी समाज के महासचिव राजेश सिन्हा ने किया.
राज्य में हिंदी यूनिवर्सिटी की होगी स्थापना
मुख्यमंत्री ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार ने हिंदी भाषी लोगों के लिए नये कॉलेज की स्थापना की है और हम यहां एक हिंदी यूनिवर्सिटी की स्थापना करने की भी योजना बना रहे हैं. हमारी सरकार ने हिंदी भाषा को राजभाषा की मान्यता दी है.
तृणमूल कांग्रेस हिंदी भाषी सेल का गठन
इस मौके पर राष्ट्रीय बिहारी समाज के महासचिव राजेश सिन्हा ने मुख्यमंत्री से तृणमूल कांग्रेस में हिंदीभाषियों के लिए अलग प्रकोष्ट का गठन करने का आवेदन किया, जिसे मुख्यमंत्री ने तुरंत स्वीकार कर लिया और मंच पर ही तृणमूल कांग्रेस हिंदीभाषी सेल का गठन करने की घोषणा की. मुख्यमंत्री ने सेल के अध्यक्ष के रूप में भाटपाड़ा के विधायक अर्जुन सिंह की घोषणा की और सचिव का पदभार राजेश सिन्हा को सौंपा.

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