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सर्विस सेक्टर की कमी से रियल इस्टेट क्षेत्र में पिछड़ा महानगर

कोलकाता : महानगर में सर्विस सेक्टर की कमी के कारण ही रियल इस्टेट के क्षेत्र में भारी गिरावट आयी है. पुणे व हैदराबाद जैसे शहरों की तुलना में कोलकाता शहर काफी पीछे है जबकि पुणे में 7.3 मिलियन, हैदराबाद में 8.6 मिलियन और कोलकाता शहर में इन दोनों शहरों से ज्यादा 14.7 मिलियन आबादी है, […]

कोलकाता : महानगर में सर्विस सेक्टर की कमी के कारण ही रियल इस्टेट के क्षेत्र में भारी गिरावट आयी है. पुणे व हैदराबाद जैसे शहरों की तुलना में कोलकाता शहर काफी पीछे है जबकि पुणे में 7.3 मिलियन, हैदराबाद में 8.6 मिलियन और कोलकाता शहर में इन दोनों शहरों से ज्यादा 14.7 मिलियन आबादी है, इसके बावजूद भी यहां पर मकानों की बिक्री में कमी होती जा रही है क्योंकि आबादी होने के बावजूद भी सर्विस सेक्टर नाम मात्र के ही है. ये बातें कोलकाता में आयोजित कार्यक्रम के दौरान नाइट फ्रैंक इंडिया के रिजर्च के चीफ इकोनॉमिस्ट एंड नेशनल डॉयरेक्टर डॉ शामंतक दास ने कहीं. गुरुवार को कोलकाता के आवासीय बाजार की स्थिति के साथ-साथ इंडिया के रियल एस्टेट सेक्टर के बारे में नाइट फ्रैंक इंडिया ने छमाही रिपोर्ट पेश की.
कार्यक्रम में पूरे रिपोर्ट के साथ ही कोलकाता की स्थिति पर गौर करते हुए श्री दास ने कहा कि बंगाल में खासकर, कोलकाता में रियल इस्टेट में पिछड़ने की एक वजह यह भी है कि हाउसिंग इंडस्ट्री रेगुलेटरी अथॉरिटी (एचआइआरए) का सहीं तरीके से इम्प्लीमेंट नहीं होता. रियल इस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (आरइआरए) की तरह बंगाल में एचआइआरए आया लेकिन इसमें कई खामियां रह गयीं.
उन्होंने कहा कि बंगाल सरकार सेंट्रल एक्ट के मुताबिक एचआइआरए को कार्यरूप में परिणित करना चाहिये, तभी जाकर सर्विस सेक्टर के साथ-साथ रियल इस्टेट के क्षेत्र में भी अधिक बढ़ावा मिलेगा. बंगाल में पिछले छह सालों में बहुत कुछ बदला है लेकिन सर्विस सेक्टर नहीं बढ़ा है.
यहां आइटी-आइटीइएस, बीएफएसआई जैसे सेक्टरों का बढ़ाना बहुत जरूरी है. कोलकाता का आवासीय बाजार कई समस्याओं से गुजर रहा है. पिछले कुछ सालों में रियल इस्टेट के क्षेत्र में बेंगलुरु में मकानों की बिक्री काफी बढ़ी है, जबकि पिछले तीन-चार सालों में कोलकाता में इस क्षेत्र में 19 प्रतिशत की गिरावट आयी है. बेंगलुरु और पुणे की तुलना में महानगर की स्थिति काफी खराब है.

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