कोलकाता : गुजरात को पीछे छोड़ते हुए पश्चिम बंगाल सर्वश्रेष्ठ क्वॉलिटी का दूध उत्पादन करनेवाला राज्य बन गया है. बंगाल ने गुजरात से यह खिताब छीन लिया है. कुछ साल पहले महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के इरादे से दूध को-ऑपरेटिव, सुंदरिनी नैचरल्स, ब्रांड की शुरुआत की गयी थी. स्वयं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसका नामकरण किया था.
अब इसके उत्पादों की मांग काफी बढ़ गयी है. सुंदरिनी गाय के दूध के अलावा इसके घी, शहद, मूंग दाल और चावल की भी काफी मांग है. इससे मिलनेवाले लाभ को को-ऑपरेटिव में काम करनेवालीं महिलाओं के बैंक अकाउंट में सीधे जमा किया जाता है. इससे लगभग तीन हजार जरूरतमंद महिलाओं को जिंदगी की जंग लड़ने की ताकत मिली है.
इस योगदान के लिए केंद्र सरकार के राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड ने सुंदरिनी को आदर्श मॉडल के तौर पर चुना है. सुंदरिनी नैचरल्स की उपलब्धियों के कारण ही गुजरात सहित देश के हजारों दूध को-ऑपरेटिव्स में से पश्चिम बंगाल राज्य पशु पालन विभाग के सुंदरवन को-ऑपरेटिव मिल्क एंड लाइफस्टॉक प्रोड्यूसर्स यूनियन लिमिटेड को दूध उत्पादन का सर्वश्रेष्ठ को-ऑपरेटिव चुना गया है. गत एक जून को विश्व दूध दिवस के अवसर पर गुजरात के आणंद में केंद्रीय पंचायती राज और कृषि मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला ने ऐक्सिलेंस अवॉर्ड प्रदान किया. उसी दिन सुंदरवन को-ऑपरेटिव मिल्क एंड लाइफस्टॉक प्रोड्यूसर्स यूनियन लिमिटेड को नये और ऑर्गैनिक तरीकों से उपभोक्ताओं के लिए प्राकृतिक और सुरक्षित खाद्य पदार्थ बनाने के लिए फिक्की मिलेनियम अलायंस अवॉर्ड के तहत 25 लाख रुपये का इनाम भी दिया गया.
सुंदरवन मिल्क को-ऑपरेटिव के प्रबंध निदेशक अंबिका प्रसाद मिश्रा ने बताया कि सभी उत्पाद ऑर्गैनिक होते हैं. गायों को एंटीबायॉटिक नहीं दी जाती है. उन्हें ऑर्गैनिक तरीके से बनाया चारा दिया जाता है. दूध को प्लास्टिक के कंटेनर्स की जगह स्टील के कंटेनर्स में रखा जाता है. यहां की खास बात यह है कि केवल दूध के उत्पादों ही नहीं, अंडे जैसे उत्पाद भी यहां उपलब्ध कराये जाते हैं. साथ ही महिलाओं द्वारा चलाये जाने के कारण यह और भी खास हो जाता है.
