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बंगाल : रामनवमी पर हिंसा, राज्यपाल को दुर्गापुर जाने से रोका, राज्यपाल ने लोगों से शांति की अपील की

कोलकाता : पश्चिम बंगाल के विभिन्न हिस्सों में रामनवमी पर शुरू हुई हिंसा को देखते हुए राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने बुधवार को लोगों से शांति की अपील की.हालांकि राज्यपाल ने राज्य सरकार की उस सलाह पर नाराजगी जतायी जिसमें उन्हें (राज्यपाल) दुर्गापुुर और आसनसोल नहीं जाने की बात कही गयी है. राज्यपाल दुर्गापुर जाना चाहते […]

कोलकाता : पश्चिम बंगाल के विभिन्न हिस्सों में रामनवमी पर शुरू हुई हिंसा को देखते हुए राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने बुधवार को लोगों से शांति की अपील की.हालांकि राज्यपाल ने राज्य सरकार की उस सलाह पर नाराजगी जतायी जिसमें उन्हें (राज्यपाल) दुर्गापुुर और आसनसोल नहीं जाने की बात कही गयी है. राज्यपाल दुर्गापुर जाना चाहते थे. लेकिन राज्य प्रशासन ने उन्हें वहां न जाने की सलाह दी है.
राजभवन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि राज्यपाल ने 26 मार्च को हुई हिंसा में घायल दुर्गापुर के अस्पताल में भर्ती पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) अरिंदम दत्ता चौधरी को देखने जाने की योजना बनायी थी.
लेकिन राज्य सरकार ने राजभवन को सूचित किया कि इलाके में पुलिस की तैनाती के मद्देनजर राज्यपाल को उनके दौरे के दौरान पर्याप्त सुरक्षा उपलब्ध कराना मुश्किल होगा. अभी भी रानीगंज व आसनसोल की स्थिति तनावपूर्ण है. इसलिए राज्यपाल को इलाके में नहीं जाने की सलाह दी जाती है. उधर, राज्यपाल ने कहा कि हर किसी को शांतिपूर्ण तरीके से अपनी धार्मिक परंपराओं को मनाना चाहिए.
राज्यपाल का यह बयान ऐसे समय में आया है जब रविवार को रामनवमी मनाये जाने के बाद राज्य के अलग- अलग हिस्सों से हिंसा की खबरें मिल रही हैं. श्री त्रिपाठी ने कहा : किसी तरह का दंगा या हिंसा नहीं होनी चाहिए. लोगों को शांतिपूर्ण तरीके से अपनी धार्मिक परंपराओं को मनाना चाहिए.
राज्यपाल से पूछा गया कि क्या उन्होंने राज्य सरकार को किसी तरह की सलाह दी है तो उन्होंने कहा : मुझे राज्य सरकार को जो कहना होगा, मैं अलग से कहूंगा. दूसरी ओर, राज्य के शिक्षा व संसदीय मामलों के मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि राज्यपाल रानीगंज जाना चाहते थे. इस कारण वह इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे, लेकिन वर्तमान स्थिति में रानीगंज में शांति लौटाने की जरूरत है.
स्थानीय प्रशासन स्थिति को सामान्य करने की कोशिश कर रहा है. इसमें स्थानीय प्रशासन के साथ पूरा सहयोग करने की जरूरत है. ऐसी स्थिति में वह राज्यपाल को वहां जाने की सलाह नहीं देंगे. हालांकि भाजपा प्रतिनिधिमंडल के दौरे के संबंध में उन्होंने कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.
रामनवमी जुलूस के दौरान हिंसा से प्रभावित इलाकों में भारी तनाव
गौरतलब है कि रविवार और सोमवार को रामनवमी पर जुलूस के दौरान हुई हिंसा में तीन लोगों की मौत और कम से कम एक दर्जन लोगों के जख्मी होने के बाद पश्चिम बंगाल सरकार ने ऐसे जुलूसों पर पूरी तरह से पाबंदी लगी दी है.
जिन इलाकों में जुलूस के दौरान हिंसा और आगजनी हुई थी वहां बुधवार को भी भारी तनाव बना रहा. बुधवार को आसनसोल में फिर हिंसा हुई और तीन लोगों की जान चली गयी. गौरतलब है कि बर्दवान जिले के रानीगंज इलाके में सोमवार को हिंसा हुई थी और बम हमले में पुलिस उपायुक्त अरिंदम दत्त चौधरी का दाहिना हाथ उड़ गया. पुलिस ने इस मामले में 18 लोगों को गिरफ्तार किया है.
मुर्शिदाबाद जिले के कांदी में तो तलवारों और त्रिशूलों के साथ रैली में शामिल लोगों ने स्थानीय थाने के भीतर घुसने का प्रयास किया. इस दौरान पुलिस से उनकी हिंसक झड़प हो गयी. हिंसा के दौरान उत्तर 24-परगना जिले के कांकीनाड़ा में देश के पहले शिक्षा मंत्री रहे मौलाना आजाद की एक मूर्ति भी तोड़ दी गयी. कांकीनाड़ा में एक व्यक्ति की हत्या कर दी गयी थी.
रामनवमी पर हिंसा को लेकर केंद्र ने राज्य सरकार से मांगी रिपोर्ट
अतिरिक्त अर्द्धसैनिक बल भेजने का दिया प्रस्ताव
राज्य ने केंद्र के प्रस्ताव को किया खारिज
कोलकाता : रामनवमी जुलूस के दौरान बंगाल में हिंसा की घटनाओं को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार ने रिपोर्ट तलब की है. इसके साथ ही केंद्र ने राज्य के कई जिलों में हिंसा व अशांति की घटनाओं के मद्देनजर अर्द्धसैनिक बल भेजने का प्रस्ताव दिया है. केंद्र ने जानना चाहा है कि संबंधित इलाकों में हिंसा क्यों फैल रही है?
गौरतलब है कि केंद्रीय राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो ने राज्य में हिंसा के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को दोषी करार दिया था. उन्होंने इस बाबत राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी को रिपोर्ट दी थी. केंद्र सरकार द्वारा रिपोर्ट तलब करने के मामले पर राज्य के शिक्षा व संसदीय मामलों के मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा कि इस संबंध में उन्हें कोई जानकारी नहीं है. श्री चटर्जी ने कहा कि केंद्र सरकार कुछ ज्यादा ही चिंता दिखा रही है.
राज्य के पुलिस बल व प्रशासन हिंसा पर लगाम लगाने के लिए पर्याप्त हैं. उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन इसकी कोशिश कर रहा है. यदि पुलिस कोशिश नहीं करती, तो पुलिस अधिकारी घायल नहीं होते.
उन्होंनेे बाबुल सुप्रियो व रूपा गांगुली पर कटाक्ष करते हुए कहा कि बाबुल अपने लोकसभा केंद्र में क्यों नहीं हैं? क्या वह गाना गा रहे हैं या रूपा गांगुली अभिनय कर रही हैं. यह उन्हें मालूम नहीं है. उन्होंने कहा कि भाजपा जानबूझ कर राज्य में उत्तेजना फैलाने की कोशिश कर रही है, लेकिन राज्य की जनता उनके उकसावे में नहीं आयेगी.

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