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तृणमूल-माकपा नेता भी पहुंचे सोनिया के डिनर में

-संसद में सरकार की जवाबदेही तय करवाने के बारे में चर्चाकोलकाता/नयी दिल्ली : संसद में पिछले सात दिन से लगातार जारी गतिरोध के बीच कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने मंगलवार को सरकार पर चर्चा से भागने का आरोप लगाया और दावा किया कि वह किसानों सहित प्रमुख मुद्दों पर संसद में सरकार की जवाबदेही तय […]

-संसद में सरकार की जवाबदेही तय करवाने के बारे में चर्चा
कोलकाता/नयी दिल्ली : संसद में पिछले सात दिन से लगातार जारी गतिरोध के बीच कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने मंगलवार को सरकार पर चर्चा से भागने का आरोप लगाया और दावा किया कि वह किसानों सहित प्रमुख मुद्दों पर संसद में सरकार की जवाबदेही तय करेगी. यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास पर विपक्षी दलों का रात्रिभोज हुआ जिसमें माकपा, भाकपा, तृणमूल कांग्रेस, बसपा, सपा, जदएस, राजद सहित 20 विपक्षी दलों के नेताओं ने हिस्सा लिया. बैठक में मौजूदा राजनीतिक हालात सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई. रात्रिभोज में राकांपा के शरद पवार, तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बनर्जी, माकपा के मोहम्मद सलीम, भाकपा के डी राजा, सपा के रामगोपाल यादव, बसपा के सतीशचंद्र मिश्र, राजद से मीसा भारती और तेजस्वी यादव, द्रमुक से कनिमोई और शरद यादव आदि ने हिस्सा लिया.

कांग्रेस की ओर से पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, गुलाम नबी आजाद, अहमद पटेल, ए के एंटनी आदि ने भाग लिया. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस रात्रिभोज के बाद ट्वीट कर कहा, ‘संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी जी की मेजबानी में आज शानदार रात्रिभोज. विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं के लिए औपचारिक रूप से मिलने एवं संबंध बनाने का अवसर.’ राहुल ने कहा, ‘काफी राजनीतिक चर्चा किन्तु इससे भी महत्वपूर्ण खासी सकारात्मक ऊर्जा, गर्मजोशी एवं वास्तविक स्नेह.’ राहुल ने इस ट्वीट के साथ रात्रिभोज की तस्वीरें भी टैग की हैं जिसमें वह शरद पवार समेत विभिन्न नेताओं के साथ दिख रहे हैं.

रात्रि भोज के बाद कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने संवाददाताओं को बताया कि यह प्रीति और मैत्री वाला रात्रि भोज था. कांग्रेस का मानना है कि जहां सरकार दीवार खड़ी करेगी, वहीं हम मित्रता, सौहार्द एवं मिलकर साथ चलने का रास्ता तैयार करेंगे. उन्होंने कहा कि यह रात्रिभोज राजनीति के लिए नहीं था. पर स्वाभाविक है कि जहां सरकार संसद चलाने को इच्छुक नहीं है तो वे राजनीतिक नेता, जो अपने क्षेत्रों के लोगों की समस्याओं को लेकर जागरूक और चिंतित हैं, जब मिलेंगे तो प्रदेश और देश की राजनीति पर चर्चा अवश्य होगी. सुरजेवाला ने कहा कि इन नेताओं के बीच गरीबों, युवाओं और किसानों को लेकर बातचीत हुई. उन्होंने कहा कि देश की धुरी संसद में सरकार की जवाबदेही सुनिश्चित हो, इस बारे में अनौपचारिक बातचीत होना भी स्वाभाविक है. उन्होंने कहा कि इस रात्रिभोज का एक ही मकसद है.. सौहार्दपूर्ण और मित्रता वाले माहौल में विपक्षी नेता बैठकर व्यक्तिगत और राष्ट्र से जुड़े मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान कर सकें.

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