हावड़ा/हुगली : दामोदर नदी का बांध टूटने से जंगीपाड़ा के साथ-साथ तारकेश्वर और धनियाखाली भी बाढ़ की चपेट में आ गया है. जिला प्रशासन द्वारा नदी के किनारे रहनेवालों के लिए सतर्कता जारी की गयी है. तारकेश्वर के केशव चौक, तालपुकुर, चांपाडांगा, नस्करपुर सहित कई गांव बाढ़ से प्रभावित हैं. बुधवार रात बांध के टूटने से पानी आसपास के गांवों में तेजी से प्रवेश करने लगा. इससे प्रशासन को अवगत कराया गया, लेकिन कोई व्यवस्था नहीं की गयी. बाद में बालू के बस्तों की भी व्यवस्था की गयी. स्थानीय विधायक रक्षपाल सिंह और तारकेश्वर के चेयरमैन सपन सामंत ने इलाके का दौरा किया.
प्रशासन की तरफ से कई स्थानों पर राहत व बचाव शिविर खोले गये हैं. दो नौका और स्पीड बोट से बाढ़ पीड़ितों को बचाने का काम जारी है.दूसरी तरफ, धनियाखाली ब्लॉक के चैतनबाटी गांव में दामोदर नदी का बांध टूटने से पठानपाड़ा, साहापाड़ा, आदिवासीपाड़ा आदि इलाके पानी में डूब गये हैं. दोनों ब्लॉकों में लगभग 10 हजार लोग बाढ़ में फंसे हुए हैं. कई एकड़ फसल की जमीन पानी में डूब गयी है फसलों को भारी नुकसान हुआ है.आरामबाग महकमे के खानाकुल के एक और दो नंबर ब्लॉक में स्थित 20 नये गांव जलमग्न हो गये हैं. पानी में फंसे 35 लोगों को प्रशासन ने सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया. मयूराक्षी और दामोदर नदियों का जल स्तर खतरे के निशान से ऊपर है. किसी भी समय बांध टूटने की आशंका बनी हुई है. प्रशासन की ओर से राहत बचाव शिविर खोला गया है.
डीवाइएफआइ का धनसंग्रह अभियान 30 जुलाई को
कोलकाता. लगातार बारिश व कई बैरेज से जल छोड़े जाने की वजह से पश्चिम बंगाल के कई इलाकों में बाढ़ की स्थिति में सुधार नहीं आया है. इलाकों के जलमग्न होने से कई लोग बेघर हो गये हैं. पीड़ितों की मदद के लिए डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीवाइएफआइ) की ओर से 30 जुलाई को पूरे महानगर में धनसंग्रह अभियान चलाया जायेगा. अभियान में माकपा एवं डीवाइएफआइ के आला नेताओं के शामिल होने की उम्मीद है.
युद्ध स्तर पर हो राहत कार्य : एसयूसीआइ
कोलकाता. बारिश के कुछ थम जाने के बावजूद राज्य के कई हिस्सों में बाढ़ की स्थिति में सुधार नहीं हो रहा है. कृषि योग्य जमीन को नुकसान तो हुआ ही है, साथ ही हजारों लोग बेघर हुए हैं. कई लोगों की मौत भी हो चुकी है. ऐसे में स्थिति से निबटने और पीड़ितों की मदद के लिए राज्य सरकार को युद्ध स्तर पर राहत कार्य करने की जरूरत है. कई बैरेज से जल छोड़े जा रहे हैं.
ऐसे मामलों में केंद्र व राज्य सरकार के बीच समन्वय होना जरूरी है ताकि विषम परिस्थितियों से निबटा जा सके. यह मांग एसयूसीआइ राज्य कमेटी की ओर से की गयी है. पार्टी की ओर से जारी बयान में एसयूसीआइ के प्रदेश सचिव सोमेन बसु ने मांग की है कि जल्द बाढ़ से प्रभावित लोगों की सटीक चिकित्सा, भोजन व पेय जल की व्यवस्था की जाये. साथ ही बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के किसानों का ऋण माफ किया जाये. इधर कक्षा आठवीं तक पास-फेल प्रणाली शुरू किये जाने के मसले पर पार्टी ने केंद्र सरकार को तत्परता दिखाने की मांग की है.
