पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस (Governor CV Anand Bose) ने अपना अमेरिका दौरा रद्द कर दिया है. यह जानकारी सोमवार को राजभवन की ओर से जारी विज्ञप्ति के माध्यम से दी गयी है. बताया गया है कि यूनाइटेड नेशंस की पूर्व सेक्रेटरी जनरल व वर्ल्ड कल्चरल फेस्टिवल के इंटरनेशनल कमिटी की प्रमुख बान की मून ने राज्यपाल को वाशिंगटन डीसी, यूएसए में आयोजित होने वाले फेस्टिवल के लिए आमंत्रित किया था. हालांकि, राज्यपाल पहले अमेरिका दौरे के लिए तैयार हो गये थे. लेकिन अब उन्होंने अपना फैसला बदल दिया है और राज्यपाल ने विदेश यात्रा नहीं जाने के पीछे जो कारण बताया है, उसे लेकर चर्चाएं शुरू हो गयी हैं.
राज्य की आर्थिक अवस्था को देखते हुए लिया फैसला
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के विदेश दौरे पर हुए खर्च को लेकर अभी हंगामा मचा हुआ है. इसी बीच, राजभवन ने अपने बयान में कहा है कि राज्यपाल अगर इस कार्यक्रम में जाते तो जनता के कर से हासिल होने वाली धनराशि का खर्च होता. इसलिए राज्यपाल ने यह दौरा रद्द किया है. इसके अलावा पश्चिम बंगाल के विभिन्न विश्वविद्यालयों की समस्याएं, डेंगू से लगातार हो रही मौत और राज्य की खराब वित्तीय स्थिति को देखते हुए उन्होंने यह दौरा रद्द करने का निर्णय लिया है. अमेरिका में आयोजित कार्यक्रम में राज्य के विश्वविद्यालयों के साथ अमेरिकी विश्वविद्यालयों के समझौता को लेकर भी बात होनी थी, लेकिन अब इस पर कभी बाद में चर्चा की जायेगी.
बैठक वर्चुअल माध्यम से होगी
राजभवन ने सोमवार को कहा कि बदली हुई परिस्थितियों में बैठक वर्चुअल माध्यम से होगी. राजनीतिक विश्लेषकों के एक वर्ग का मानना है कि राजभवन ने विदेश दौरा रद्द करने की जो वजह बताई है, उससे राज्यपाल-नबन्ना के बीच टकराव और तेज हो सकता है. राज्यपाल रविवार की छुट्टी के दिन भी राज्य के सभी कुलपतियों के साथ बैठक में बैठ रहे हैं. उन्होंने पहले ही सभी को वहां मौजूद रहने के निर्देश भेज दिए था. दूसरी ओर हाल ही में धूपगुड़ी उपचुनाव जीतने वाले तृणमूल के निर्मल चंद्र रॉय ने अभी तक विधायक के रूप में शपथ नहीं ली है. राजभवन से टकराव का माहौल बन गया है. राजभवन की ओर से निर्मल चंद्र को शपथ सुनाने की तैयारी की गई थी, लेकिन अंत में ऐसा नहीं हो सका. संसदीय कार्यालय की शिकायत थी कि राज्यपाल ने राज्य को दरकिनार कर विधायकों को अकेले शपथ दिलाने की व्यवस्था की है. लेकिन काउंसिल कार्यालय के सहमत नहीं होने के कारण राजभवन की ओर से शपथ ग्रहण समारोह संभव नहीं हो सका.