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Bengal News: बालाजी हेल्थ केयर में जागरूकता कार्यक्रम, बीमारी के बारे में मरीजों की दी जानकारी

Bengal News in Hindi: इस कार्यक्रम में शहर के जाने माने न्यूरोलॉजिस्ट डॉ स्वयं प्रकाश ने मरिजों को पार्किंसंस रोग के बारे में जानकारी दी व इस रोग से बचाव के उपाय व सावधनियों के बारे में चर्चा की. प्रकाश ने बताया कि प्रतिवर्ष 11 अप्रैल को पार्किंसंस दिवस मनाया जाता है. इस दिन महान तंत्रिका विज्ञानी जेम्स पार्किंसंस ने पार्किंसंस रोग की व्याख्या की थी. इनके जन्मदिन के अवसर पर विश्व पार्किंसंस दिवस मनाया जाता है. इसका मुख्य उदेश्य पार्किंसंस रोग से पीडित लोगों एंव उसके अभिभावकों इस बीमारी से संबंधित जागरूक करना है. साथ ही इस बीमारी के अनुसंधान के लिए संसाधन एकत्रित करना है.

सिलीगुड़ी: सिलीगुड़ी के सेवक रोड़ स्थित पीसी मित्तल बस स्टैंड में बाजाजी हेल्थकेयर सेंटर में को विश्व पार्किंसंस दिवस के अवसर पर एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में शहर के जाने माने न्यूरोलॉजिस्ट डॉ स्वयं प्रकाश ने मरिजों को पार्किंसंस रोग के बारे में जानकारी दी व इस रोग से बचाव के उपाय व सावधनियों के बारे में चर्चा की.

प्रकाश ने बताया कि प्रतिवर्ष 11 अप्रैल को पार्किंसंस दिवस मनाया जाता है. इस दिन महान तंत्रिका विज्ञानी जेम्स पार्किंसंस ने पार्किंसंस रोग की व्याख्या की थी. इनके जन्मदिन के अवसर पर विश्व पार्किंसंस दिवस मनाया जाता है. इसका मुख्य उदेश्य पार्किंसंस रोग से पीडित लोगों एंव उसके अभिभावकों इस बीमारी से संबंधित जागरूक करना है. साथ ही इस बीमारी के अनुसंधान के लिए संसाधन एकत्रित करना है.

इस वर्ष का विषय यूनाइटेड फॉर पार्किंसंस है. उन्होंने बताया कि आज पूरे विश्व में लगभग 70-80 लाख लोग पार्किंसंस रोग से पीडित है. पार्किंसंस न्यूरों डिजेनेरेटिवर रोक की श्रेणी में आता है. जिसमें मस्तिष्क मेडोपामीन बनाने वाली कोशिका सब्स्टॉन्सिया राइगा पार्सकम पौक्टा का क्षय होने लगाता है.

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इस बीमारी के निम्नलिखित प्रमुख लक्षण र्है. हाथ- पैरों का कंपन और अकडन, शरीर की शिथिलता, शारिरीक असंतुलन . इसके अलावा नींद से संबंधित समस्या, ध्यान शक्ति में कमी स्मृति क्षय एंव मनोदशा तथा व्यवहार में परिर्वतन भी महत्वपूर्ण लक्षण है. इस बीमारी के इलाज में वर्तमान समय में बाजार में अनेकों दवाईया उपलब्ध है. जिनमें लीवोडोपा व काबिडोपा प्रमुख है. इन क्षेत्रों में ही निरंतर अनुसंधान चल रहा है. भविष्य में अनेकों दवाईया एंव उपकरण विकसीत होने की संभावना है.

जिससे इस रोक से ग्रसित रोगियों का जीवन बेहतर हो पाएगा. इसके लिए नियमित योग , व्यायाम पौष्टिक आहार जरूरी है. डॉ स्वयम प्रकाश बताते है कि वर्तमान में कोविड 19 की स्थिति में पार्किंसंस के मरीजों की गंभीरता और बढ जाती है. क्योंकि वे प्राय : बुजुगों होते है. और उनकी प्रतिरोधी क्षमता कम तो होती है. साथ ही कोविड 19 अन्य संक्रमण की तहर पार्किंसंस के लक्षणों को और ज्यादा बढा देती है. अत: वर्तमान कोविड के संक्रमण काल में पार्किसन से पीडित रोगियों की देखभाल ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाती है.

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Posted By: Aditi Singh

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