आसनसोल/जामुड़िया.
राज्य की मुख्यमंत्री के सख्त निर्देश के बावजूद भी शिल्पांचल में दबंगई और रंगदारी का खेल जारी है. 25 अक्तूबर 2025 को सम्राट इंटरप्राइसेस को इसीएल के महाबीर आर कोलियरी के नारायणकुड़ी ओसीपी में कोयला ट्रांसपोर्टिंग और बेलबाद रेलवे साइडिंग में बैगन लोडिंग का ठेका 6.92 करोड़ रुपये मिला. स्थानीय दबंगो की दबंगई के कारण कंपनी अबतक काम शुरू नहीं कर पायी. कई चरणों में स्थानीय पुलिस के साथ बैठक हुई, फिर भी मामला नहीं सुलझा. जिसके उपरांत पुलिस आयुक्त, जिलाधिकारी, पांडवेश्वर के विधायक सह तृणमूल के जिलाध्यक्ष को लिखित शिकायत करने के बावजूद भी समस्या जस की तस बरकरार है. हर दिन लाखों का नुकसान भर रहे सम्राट इन्टरप्राइसेस के मालिक सौमेन सिंह हताश व निराश होकर न्याय की उम्मीद लिए दरबदर भटक रहे हैं, कुछ दिनों के अंदर यदि काम शुरू नहीं कर पाये तो यह कार्य उनके हाथ से चला जायेगा. श्री सिंह ने बताया कि स्थानीय दुर्लव मंडल और कांचन मंडल के नेतृत्व में बदमाशों ने उनके कर्मियों पर हमला किया और जबरन कार्य बंद करा दिया. नारायणकुड़ी माइन्स में छह 12 चक्का टिपर, एक पे लोडर स्टैंडबाय पर खड़े हैं, जिससे आर्थिक नुकसान के साथ मानसिक दाबाव भी बढ़ रहा है.क्या है पूरा मामला
सम्राट इंटरप्राइसेस के मालिक श्री सिंह ने बताया कि नारायणकुड़ी ओसीपी में रिसर्जेंट माइनिंग सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड नामक संस्था आउटसोर्सिंग का कार्य कर रही है. इस संस्था ने नारायणकुड़ी ओसीपी से बेलबाद रेलवे साइडिंग तक चार लाख टन कोयले की ट्रांसपोर्टिंग और बेलबाद रेलवे साइडिंग में आठ लाख टन कोयले की वैगन लोडिंग और ट्रैक की सफाई के कार्य का पेटी कांट्रेक्ट 6.92 करोड़ रुपये में सम्राट इंटरप्राइसेस को दिया. ठेका मिलने के बाद जब छह 12 चक्का टिपर और पे लोडर लेकर जब कर्मी कार्यस्थल पर पहुंचे तो वहां उनके साथ कुछ बदमाशों ने उनपर हमला किया और कार्य रोक दिया. इसे लेकर स्थानीय थाने में शिकायत की गयी. पुलिस ने हस्तक्षेप किया, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ. जिसके बाद इन बदमाशों के सरगना दुर्लभ मंडल और कांचन मंडल के इस हरकत के खिलाफ पुलिस आयुक्त, जिलाधिकारी, पांडवेश्वर के विधायक व तृणमूल जिलाध्यक्ष से की गयी है. पांच दिन बीत जाने के बाद भी अबतक कोई सकारात्मक असर नहीं दिखा है. उन्होंने कहा कि 13 माह में कार्य पूरा करना है. करीब एक माह बीत चुका है. जल्द यदि काम शुरू नहीं हुआ तो कार्य पूरा नहीं हो पायेगा और उनका ठेका भी रद्द हो सकता है.
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