गांव में पहुंचकर अधिकारियों ने समझाया एसआइआर फॉर्म
प्रतिनिधि, बांकुड़ा.
बांकुड़ा जिले के छातना ब्लॉक के आदिवासी बहुल गांव बागडिया में एसआइआर फॉर्म को लेकर चल रही उलझन के बीच छातना के बीडीओ सौरभ धल ने अनोखी पहल की. जिले में एसआइआर को लेकर बहस जारी है, लेकिन यहां बीडीओ, अधिकारियों और बीएलओ टीम को खुद गांव जाकर लोगों को फॉर्म समझाते और भरवाते हुए देखा गया. बीएलओ के साथ मौजूद अधिकारियों ने बताया कि कई ग्रामीण एसआईआर का मतलब नहीं जानते और इसी कारण फॉर्म भरने में दिक्कत हो रही थी.
ग्रामीणों को मिली पहली बार प्रशासनिक सहायता
गांव में बीडीओ को पाकर ग्रामीण खुश दिखे. बीडीओ ने जमीन पर बैठकर लोगों को फॉर्म भरने में मदद की. इस गांव के अधिकतर लोग दिहाड़ी मजदूर हैं, जिन्हें रोज़ी-रोटी के लिए दिनभर मेहनत करनी पड़ती है. ग्रामीणों के अनुसार, इससे पहले कभी कोई अधिकारी गांव में आकर उनकी परेशानी सुनने या फॉर्म भरने में मदद करने नहीं आया.
शिक्षा और विकास से दूर गांव में एसआइआर को लेकर डर
गांव में शिक्षा और विकास की कमी है, ऐसे में अचानक मिले एसआइआर फॉर्म को लेकर लोग आशंकित थे. कई ग्रामीण पढ़े-लिखे नहीं हैं, इसलिए उन्हें डर था कि कहीं कोई गलती न हो जाये. इसी कारण बीडीओ और ब्लॉक अधिकारियों को फील्ड में जाकर चुनाव आयोग की इस प्रक्रिया को सरल भाषा में समझाना पड़ा. ग्रामीणों ने कहा कि अधिकारियों के इस प्रयास से उनकी बड़ी चिंता दूर हुई है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

