15.83 करोड़ रुपये की ठगी के मामले में पुलिस को मिली बड़ी सफलता
मामले में असम से दो और पूर्व मेदिनीपुर से एक यानी कुल तीन आरोपी पहले ही हो चुके हैं गिरफ्तार, पुलिस के लिए बड़ी चुनौतीरानीगंज के चिकित्सक डॉ अरुण कुमार शर्मा ने इन्वेस्टमेंट स्कैम में फंस कर गंवाये थे सारे रुपये आसनसोल/रानीगंज. आसनसोल-दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट (एडीपीसी) के इतिहास में सबसे बड़ी रकम 15.83 करोड़ रुपये की साइबर ठगी को लेकर पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है. मामले में गुवाहाटी(असम) से पुलिस ने दो और आरोपियों नबीउल हक व विकास शर्मा को गिरफ्तार किया. इन दोनों आरोपियों को गुवाहाटी अदालत में पेश किया गया और पांच दिनों की ट्रांजिट रिमांड की अपील की गयी. अदालत ने दोनों आरोपियों की पांच दिनों की ट्रांजिट रिमांड मंजूर की. दोनों आरोपियों को लेकर कमिश्नरेट पुलिस की टीम सोमवार को गुवाहाटी से आसनसोल के लिए रवाना हो गयी. 18 दिसंबर तक आरोपियों को आसनसोल अदालत में पेश किया जायेगा. प्राथमिक जांच में यह खुलासा हुआ है कि नबीउल हक लोगों के खाते संग्रह करके साइबर क्राइम के शातिरों को मुहैया कराता है और विकास के खाते में ठगी की एक मोटी रकम गयी थी. इसके चलते दोनों आरोपियों को पकड़ा गया. इससे पहले इस मामले में गुवाहाटी से भास्कर घोष व मोहम्मद वसीम को तथा पूर्व मेदिनीपुर के पांसकुड़ा से अरूप नायक यानी कुल तीन आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं. इतनी बड़ी ठगी की रकम को स्पेशल जांच दल (एसआइटी) का गठन किया गया है. इस मामले में असम से और भी अनेकों की गिरफ्तारी होने की संभावना है. एडीपीसी की टीम असम में ही डेरा जमाए है और सूचना के आधार पर छापेमारी कर गिरफ्तारियां कर रही है.
गौरतलब है कि रानीगंज रामबागान, डॉक्टर्स कॉलोनी के निवासी डॉ. अरुण कुमार शर्मा को साइबर अपराधियों ने ट्रेडिंग में निवेश से भारी मुनाफा का लालच देकर अपने झांसे में लिया और 24 अक्तूबर से 25 नवंबर 2025 (एक महीने में) के बीच डॉ. शर्मा ने 16,83,90,000 रुपये निवेश किया. एप्लिकेशन पर दिखाया गया कि निवेश की गयी राशि बढ़कर 200 करोड़ रुपये हो गयी है. जब वे राशि निकालने गये, तब उनसे 12.5 करोड़ रुपये अतिरिक्त डिपॉजिट करने की मांग की गयी. उन्हें समझ में आ गया कि वे साइबर ठगी के शिकार हो चुके हैं. जिसकी शिकायत उन्होंने 28 नवम्बर को साइबर क्राइम थाना आसनसोल में दर्ज करायी.ठगी की राशि वापसी की जद्दोजहद जारी, कितना लौटेगा कहना मुश्किल
डॉ शर्मा के मामले में इतनी बड़ी राशि की ठगी हुई, जिसे लेकर पुलिस भी हैरान है. आखिरकार इस मामले के लेकर एसआइटी का गठन किया गया. जांच के क्रम में पता चला कि ठगी की राशि का एक बड़ा हिस्सा असम के विभिन्न लोगों के खातों में गया है. पुलिस ने कुछ रकम बैकों में फ्रीज करवा दिया है. फ्रीज की गयी राशि 88 लाख रुपये की वापसी को लेकर अदालत का आदेश बैंकों को भेजा गया है. हालांकि एक समस्या यह उत्पन्न हुई है कि जिन खातों को फ्रीज कर पैसा वापसी के लिये अदालत का आदेश जारी हुआ, उन खातों में दूसरे जगहों से भी ठगी का राशि आया है. वहां की पुलिस भी अपने केस में राशि वापसी के लिए अदालती आदेश बैंकों को भेजा है. पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बैंक में कितना राशि है और बैंक यह राशि कैसे ट्रांसफर करेगा, यह बैंक ही बता पायेगा. जबतक राशि पीड़ित के खाते में वापस नहीं आ जाती है, तबतक यह कहना मुश्किल है कि कितना राशि अबतक बरामद हो पाया है. करीब 16 करोड़ की यह राशि डॉ. शर्मा के खाते से निकलने के बाद से देश के विभिन्न हिस्सों में सैकड़ो खातों में ट्रांसफर हो गया है. पुलिस इसकी जांच कर रही है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

