बीरभूम.
जिले के खैराशोल थाना क्षेत्र के तारापुर निवासी श्रमिक स्वपन बागदी (42) की दिल्ली में एक कारखाने में काम के दौरान तबीयत बिगड़ने से मौत हो गयी है. घटना की सूचना पाते ही बीरभूम स्थित शोकाकुल परिवार ने प्रशासन से श्रमिक के शव को दिल्ली से यहां लाने की गुहार लगायी. उसके बाद प्रशासनिक प्रयास के फलस्वरूप दिल्ली से शव को एंबुलेंस से जिले के नकरकोंडा स्थित घर पर लाया गया. स्थानीय सूत्रों की मानें, तो स्वपन बागदी लंबे समय से दिल्ली स्थित नीलकमल प्लास्टिक फैक्टरी में काम कर रहा था. हाल ही में घर आने के बाद वह सात दिन पहले ही दोबारा काम पर दिल्ली लौटा था. 24 दिसंबर को ड्यूटी के दौरान अचानक उसकी तबीयत बिगड़ गयी, जिसके बाद उसकी मौत हो गयी. पुलिस का अनुमान है कि मौत का कारण स्ट्रोक हो सकता है.नकरकोंडा पते पर मिली सूचना
दिल्ली में प्रवासी श्रमिक स्वपन बागदी की मौत की खबर कंपनी की ओर से उसके नकरकोंडा गांव स्थित ससुराल के पते पर दी गयी. जानकारी मिलते ही इलाके में शोक का माहौल बन गया. बताया गया कि नकरकोंडा से संपर्क के बाद पहले भी आठ से 10 लोग उसी कारखाने में श्रमिक के रूप में काम करने गये थे.शव लाने में प्रशासनिक प्रयास
खबर मिलते ही स्थानीय ग्रामीणों के साथ खैराशोल ब्लॉक तृणमूल कांग्रेस कोर कमेटी के सदस्य कंचन दे ने दिल्ली में कंपनी और विभिन्न प्रशासनिक स्तर पर संपर्क किया. उसके फलस्वरूप शुक्रवार देर रात स्वपन बागदी के शव को एंबुलेंस से नकरकोंडा लाया गया, जिसके बाद पंचायत एंबुलेंस से तारापुर गांव पहुंचाया गया. इस बाबत ब्लॉक तृणमूल कांग्रेस कोर कमेटी के सदस्य उज्ज्वल हक कादरी समेत अन्य लोग शोकाकुल परिवार से मिलने पहुंचे और संवेदना जतायी. उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने प्रवासी श्रमिकों के लिए प्रवासी श्रमिक कल्याण संघ का गठन किया है और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रवासी श्रमिकों से पश्चिम बंगाल लौटने का आग्रह करते हुए खर्च वहन की घोषणा भी की है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

