आसनसोल.
पश्चिम बर्दवान के जिलाधिकारी (डीएम) पोन्नमबलम.एस ने कहा कि डेंगू की रोकथाम के लिए जिला में स्थित पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग (पीएसयू) संस्थाओं की सक्रिय भागीदारी अहम है. जिला में दो नगर निगम आसनसोल व दुर्गापुर के अलावा आठ प्रखंड (ग्रामीण क्षेत्र) इलाकों में इस्को, डीएसपी, इसीएल, डीवीसी आदि के आवासीय कॉलोनी और कार्यालय स्थित है. यहां नगर निगम या ब्लॉक प्रशासन के लिए कार्य करना कठिन है. सफाई को लेकर पीएसयू संस्थाओं की अपनी व्यवस्था है. इस व्यवस्था को मजबूत करके डेंगू को बृहत आकार में फैलने से रोका जा सकता है. इसी मुद्दे को लेकर ड्राई सीजन मैनेजनेमेंट के तहत बुधवार को पीएसयू के अधिकारियों के साथ बैठक कर उन्हें जरूरी दिशानिर्देश दिया गया. अभी से ही तैयारी शुरू हो जाएगी तो बारिश के दौरान डेंगू के फैलने पर काफी हद तक अंकुश लग जायेगा. बैठक में आसनसोल नगर निगम के आयुक्त राजू मिश्रा, अतिरिक्त जिलाधिकारी (स्वास्थ) संजय पाल, स्वास्थ विभाग के अधिकारी व विभिन्न पीएसयू से आये अधिकारी शामिल थे. गौरतलब है कि शहरी विकास व नगर पालिका मामला विभाग, स्वास्थ विभाग और पंचायत व ग्रामीण विकास विभाग के संयुक्त दिशानिर्देश पर डेंगू को लेकर ड्राई सीजन मैनेजमेंट के तहत जिला में अभी से ही तैयारियां शुरू कर दी गयी है. पश्चिम बर्दवान जिला में रेल, सेल, इसीएल, डीवीसी आदि केंद्र सरकारी व पीएसयू संस्थाएं स्थित है. इनका अपना आवासीय नगरी, कार्यालय केंद्र सरकार की जमीन पर स्थित है. इनके क्षेत्र में साफ सफाई की पूरी व्यवस्था इनकी अपनी होती है. हालांकि इन क्षेत्रों में भी डेंगू फैलने पर जिम्मेदारी जिला प्रशासन के ही कंधों पर आती है. नगर निगम और ग्रामीण इलाकों में राज्य प्रशासन की मशीनरी काम करती है, जिसका पूरा नियंत्रण जिलाधिकारी के पास होता है. सरकारी व पीएसयू इलाकों में सिर्फ दिशानिर्देश ही जिलाधिकारी जारी कर सकते हैं. जिसे लेकर बुधवार को जिलाधिकारी कार्यालय में बैठक हुई.जिलाधिकारी ने कहा कि पीएसयू और सरकारी इलाकों में साफ सफाई का काम करते हैं, उन्हें डेंगू को लेकर विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा. इससे वे अपने काम के दौरान डेंगू का लार्वा पनपने से रोकने की दिशा में भी काम कर पाएंगे. उनके इलाकों में जागरूकता फैलाने काम भी उन्हें ही करना होगा. जिसका दिशानिर्देश दिया गया. इस बैठक में जारी दिशानिर्देशों पर कितना अमल हुआ इसपर आगामी कुछ दिनों बाद ही समीक्षात्मक बैठक की जाएगी और फिर आगे की रणनीति तैयार होगी.
परित्यक्त क्षेत्रों में लार्वा पनपने का खतरा है ज्यादा, डंपिंग यार्ड नहीं होना है बड़ी दिक्कत
आसनसोल नगर निगम के वरिष्ठ अधिकारी ने बैठक के दौरान जिलाधिकारी को बताया कि 326 वर्ग किलोमीटर में उनका इलाका है. जिसमें से करीब एक तिहाई हिस्सा में रेल, सेल और इसीएल का आवासीय कॉलोनी और कार्यालय है. इनके पास कूड़ा को जमा करने के लिए कोई डंपिंग यार्ड नहीं है. शहर का सारा कूड़ा साफ करके नगर निगम के क्षेत्र में ही डंप कर देते हैं. इनके परित्यक्त इलाकों के नालियों, खंडहर बने इमारतों में डेंगू का लार्वा पनपने के लिए स्वर्ग है. इन इलाकों की निगरानी कौन करेगा. परित्यक्त पड़े इलाके में गंदगी की भरमार है. इनकी सही तारीके से नियमित सफाई के बगैर डेंगू को नियंत्रण करना कठिन है. अधिकारी द्वारा उठाया गया मुद्दा को मिनट्स में शामिल किया गया. अगले सप्ताह इस मुद्दे पर सभी सरकारी व पीएसयू को चिट्ठी जारी किया जाएगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है