बांकुड़ा.
बांकुड़ा के किसानों में इस समय सबसे बड़ी चिंता खेतों में पके धान को लेकर है. हाथियों के लगातार हमलों के कारण किसान परेशान और भयभीत हैं. धान की कटाई शुरू हो चुकी है और किसान पके धान को खेतों से घर लाने में जुटे हैं, लेकिन हाथियों की मौजूदगी ने हालात मुश्किल कर दिये हैं. उत्तरी बांकुड़ा के बरजोरा, बेलियाटोर, सोनामुखी, पात्रसायर, सारेंगा, सिमलापाल और तालडांगरा इलाकों में हाथियों की हलचल ज्यादा है. बरजोरा रेंज में 56-61, सहारजोरा में 55-60 और बेलियाटोर रेंज के कोडालिया में एक हाथी होने की जानकारी मिली है. सहारजोरा जंगल में कुल 50 से अधिक हाथियों के मौजूद होने की पुष्टि की गयी है.पके धान पर सबसे बड़ा खतरा
बेलियाटोर ब्लॉक के बृंदावनपुर गांव के लोगों के अनुसार हाथी अक्सर गांव और खेतों में घुस आते हैं. धान की कटाई का समय होने के कारण किसान बेहद चिंतित हैं. हालांकि हमलों में कुछ कमी आयी है, लेकिन पके धान की कटाई पूरी होने तक ग्रामीण दहशत में हैं. गांवों में हाथी फसलों को रौंदकर नुकसान पहुंचा रहे हैं. तालडांगरा इलाके में हाल ही में एक भटका और झुंड से अलग हुआ हाथी देखा गया है. पंचेत फॉरेस्ट डिपार्टमेंट ने इसकी लोकेशन बेलियाशुली के आसपास बताई है. यह हाथी शनिवार और रविवार को सिमलापाल के बिक्रमपुर और लक्ष्मीसागर बौरीशोल क्षेत्रों में भी देखा गया और विभिन्न खेतों को नुकसान पहुंचाया.फॉरेस्ट विभाग की निगरानी जारी
ग्रामीणों का आरोप है कि फॉरेस्ट डिपार्टमेंट हाथियों की वर्तमान लोकेशन को लेकर स्पष्ट जानकारी नहीं दे रहा, जिससे किसानों की चिंता बढ़ी है. धान को जल्दी काटकर घर लाने का काम तेज़ी से किया जा रहा है. विभाग ने किसानों को सतर्क रहने की सलाह दी है. इलाके में कर्मचारी तैनात हैं और हाथियों की हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है. किसानों का कहना है कि जब तक धान की कटाई पूरी नहीं हो जाती, हाथियों से खतरा बना रहेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

