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पुरुलिया से आती उड़नराख से लोगों का जीना मुहाल

पुरुलिया जिला में स्थित एक थर्मल पावर प्लांट के ऐशपॉन्ड से राख लेकर पश्चिम बर्दवान जिला में प्रतिदिन प्रवेश कर रही सैकड़ो की संख्या में हाइवा डंपरों के कारण कुल्टी इलाके में लोगों का जीना मुहाल हो गया है. पुरुलिया से डिशेरगढ़ होकर यह वाहनें पश्चिम बर्दवान जिला में प्रवेश करती हैं और सांकतोड़िया, शीतलपुर, राधानगर, नियामतपुर होकर एनएच-19 पर पहुंचती है.

आसनसोल/कुल्टी.

पुरुलिया जिला में स्थित एक थर्मल पावर प्लांट के ऐशपॉन्ड से राख लेकर पश्चिम बर्दवान जिला में प्रतिदिन प्रवेश कर रही सैकड़ो की संख्या में हाइवा डंपरों के कारण कुल्टी इलाके में लोगों का जीना मुहाल हो गया है. पुरुलिया से डिशेरगढ़ होकर यह वाहनें पश्चिम बर्दवान जिला में प्रवेश करती हैं और सांकतोड़िया, शीतलपुर, राधानगर, नियामतपुर होकर एनएच-19 पर पहुंचती है. यहां से कुछ वाहनें रूपनारायणपुर होकर झारखंड जाती है, कुछ वाहनें एनएच-19 पर विभिन्न जगह चल रहे कार्य में राख पहुंचाती है. इस राख का उपयोग सड़क में लैंड फिलिंग के लिए किया जाता है. नियमों की अनदेखी कर इन वाहनों के चलने से हजारों की संख्या में बच्चे से लेकर बूढ़े तक को सांस लेने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. जिसे लेकर स्थानीय लोग लगातार आवाज उठा रहे हैं. संबंधित विभाग के मंत्री से लेकर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों से शिकायत की गयी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने से हताश है. बुधवार को सड़क अवरोध करने का निर्णय लिया गया था, लेकिन उच्च माध्यमिक परीक्षा के कारण रोक दिया गया. पुनः रविवार को सड़क अवरोध करने का निर्णय लिया गया है. गौरतलब है कि थर्मल पावर प्लांट से प्रतिदिन भारी मात्रा में कोयले का राख निकलता है. प्लांट जितना बड़ा होगा, राख उतनी अधिक निकलेगी. प्लांट से इस राख को ऐशपॉन्ड में रखा जाता है. इस राख का उपयोग फ्लाई ऐश ब्रिक्स बनाने में होता है. फ्लाई ऐश ब्रिक्स एंड ब्लॉक्स मैन्युफैचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष संतोष तांती ने कहा कि पावर प्लांट से ड्राई फ्लाई ऐश का उपयोग ब्रिक्स बनाने में होता है. ड्राई ऐश और ऐशपॉन्ड का उपयोग सड़क निर्माण के दौरान लैंड फिलिंग में भी किया जाता है. इस ऐश को ले जाने के लिए बाउजर वाहनों का उपयोग किया जाता है. जिससे राख बाहर न निकल पाए. यदि डंपर में ले जाया जाता है तो उसे अच्छी तरह ढक करके ले जाना पड़ता है. ड्राई ऐश की कीमत सरकारी पावर प्लांट में ऑक्शन करके होती है, जिसमें 400 से 700 रुपये प्रति टन की कीमत होती है. निजी संस्थाओं में कभी मुफ्त में मिल जाता है तो कभी पैसे देकर लेना होता है. ऐशपॉन्ड में पड़ा राख बिना पैसे के कोई भी ले जा सकता है. सड़क निर्माण के दौरान इसका उपयोग होता है. अनेकों जगह एनएच का कार्य चल रहा है, जसके कारण जहां-जहां ऐशपॉन्ड में राख है, वहां से इसे उठाने काम चल रहा है.

नरक का नजारा देखना है तो सांकतोड़िया नियामतपुर सड़क पर आइए

हाल के दिनों में डिशेरगढ़ से नियामतपुर भाया सांकतोड़िया, शीतलपुर, राधानगर मुख्य सड़क पर अनेकों जगह नरक का नजारा देखने को मिलेगा. राख भरी बड़ी-बड़ी वाहनें जब सड़क से गुजरेंगी तो किसी को भी सांस लेने में परेशानी हो जाएगी. दमघोंटू दृश्य किसी नरक से कम नहीं होगा. इन सड़क किनारे रहनेवाले लोगों की पीड़ा को महसूस करनेवाला कोई भी नहीं है. पिछले कुछ महीने से यह नजारा आम है. कुछ नेता एक दो बार आंदोलन किये, फिर किसी कारण बाद में शांत हो गये.

मंत्री से लेकर पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों से शिकायत के बाद नहीं हुई कार्रवाई

सड़क पर फैल रही राख के धूलकण से सांस लेने में परेशानी, त्वचा संबंधित बीमारी, आंखों में जलन, अत्यधिक प्रदूषण से बिगड़ता वातावरण, सड़क पर दृश्यता कम होने के कारण हो रही दुर्घटना का हवाला देकर स्थानीय निवासी आकाश चौहान ने राज्य के प्रदूषण विभाग की मंत्री, पश्चिम बर्दवान जिला के अतिरिक्त जिलाधिकारी, राज्य पर्यावरण विभाग के अधिकारी को पत्र लिखा. भारतीय जनता पार्टी कुल्टी मंडल एक की ओर से सांकतोड़िया पुलिस फांडी के प्रभारी को भी ज्ञापन दिया गया. कोई कार्रवाई नहीं हुई है. रूपनारायणपुर बिहार रोड में स्थानीय लोगों ने सड़क अवरोध भी किया. परिणाम कुछ नहीं. लोगों के अनुसार यह काफी उपर स्तर का मामला है, अनेकों बड़े-बड़े लोग इसके साथ जुड़े हैं.

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