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प्रदूषण की निगरानी के लिए जिले में स्पेशल टीम का गठन

जिले में प्रदूषण के बढ़ते स्तर ने प्रशासन की परेशानी बढ़ा दी है. इस परेशानी को नियंत्रित करने को लेकर जिलाधिकारी एस पोन्नमबलम ने विशेष पहल की है, जिसके तहत प्रदूषण नियंत्रण पर निगरानी के जिले में स्पेशल टीम का गठन किया गया है. जिसमें प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी, वन विभाग के अधिकारी और जिला प्रशासन से अधिकारी शामिल रहेंगे.

आसनसोल.

जिले में प्रदूषण के बढ़ते स्तर ने प्रशासन की परेशानी बढ़ा दी है. इस परेशानी को नियंत्रित करने को लेकर जिलाधिकारी एस पोन्नमबलम ने विशेष पहल की है, जिसके तहत प्रदूषण नियंत्रण पर निगरानी के जिले में स्पेशल टीम का गठन किया गया है. जिसमें प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी, वन विभाग के अधिकारी और जिला प्रशासन से अधिकारी शामिल रहेंगे. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नियमों का पालन सही तरीके से हो रहा है या नहीं इसकी वे कड़ाई से जांच करेंगे. जिलाधिकारी ने कहा कि उद्योग लगाते समय पर्यावरण क्लियरेंस के दौरान जो हलफनामा दिया जाता है, उसका कितना पालन किया जा रहा है, इसकी निगरानी स्पेशल टीम करेगी. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी नियमित जांच करते हैं, इसके साथ-साथ यह टीम भी इलाके में जांच करेगी. जिसे लेकर अगले माह में बैठक होगी, जिसमें इसे अंतिम रूप दिया जायेगा.

गौरतलब है कि पश्चिम बर्दवान जिला को औद्योगिक नगरी कहा जाता है. यहां रेल, सेल, इसीएल जैसी बड़ी सरकारी संस्थाओं के अलावा भी बड़े और मध्यम दर्जे के सैकड़ों लौह उद्योग, सीमेंट उद्योग, स्टील उद्योग के निजी कारखाने हैं. यह क्षेत्र कोयलांचल होने के कारण यहां कोयले से जुड़े सैकड़ों उद्योग, रिफैक्टरी स्थित हैं. सरकारी राजस्व में इनका बड़ा योगदान है. इसके साथ-साथ प्रदूषण को बढ़ावा देने में भी इन उद्योगों का अहम योगदान है. सरकारी रूप से चिह्नित औद्योगिक क्षेत्रों में तो अंधेरा होते ही इस कदर प्रदूषण होता है कि लोगों को सांस लेने में तकलीफ होने लगती है. इसे लेकर उस क्षेत्र के स्थानीय लोग नियमित अंतराल पर सड़क अवरुद्ध करके आंदोलन करते रहते हैं, लेकिन कोई बदलाव नहीं हुआ. कुछ जगहों पर तो रात के समय इतना प्रदूषण हो जाता है कि 10 से 15 फीट की दूरी पर देखना मुश्किल हो जाता है. अधिकांश उद्योगों में रात के समय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सारे नियमों को ताक पर रखकर कार्य चलते हैं. इससे कारखाना मालिकों को काफी पैसे की बचत होती है, जिसका खामियाजा पूरे इलाके के लोगों को भुगतना पड़ता है. बुधवार को भी आसनसोल में एयर क्वालिटी इंडेक्स में हवा की गुणवत्ता को खराब बताया गया. आसनसोल शहर में यदि हवा की गुणवत्ता खराब है तो जिन इलाकों के उद्योग है वहां की हालत क्या है, इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है. इन्ही मुद्दों को लेकर जिलाधिकारी ने इसकी पहल की है.

पौधरोपण पर दिया जायेगा बल लक्ष्य को पूरा कराना चुनौती

श्री पोन्नमबलम ने कहा कि उद्योग लगाने के दौरान पॉल्यूशन क्लियरेंस को लेकर हलफनामे में कई नियमों के पालन करने की बात कही जाती है. जिसमें पौधरोपण अहम है. कारखाने की कुल जमीन के हिसाब से उन्हें खाली जमीन पर पौधा लगाकर उसे बड़ा करना होता है. इसकी निगरानी मुख्य रूप से की जायेगी. हलफनामे में कितना जमीन पर पौधा लगाने की बात कही गयी है और कितना लगा है? यह देखकर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कुछ उद्योगों को नोटिस किया है. बैठक में उनपर कार्रवाई की रणनीति पर भी चर्चा होगी.

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