रानीगंज.
केंद्र सरकार की ओर से लागू किये गये चार श्रम कानूनों के खिलाफ वामपंथी श्रमिक संगठन सीटू की रानीगंज शाखा ने बुधवार को रानीगंज रेलवे स्टेशन पर एक विरोध सभा का आयोजन किया. इस दौरान सीटू नेताओं ने श्रम कोडों को श्रमिकों के अधिकारों का हनन बताते हुए जोरदार विरोध दर्ज कराया और केंद्र तथा राज्य सरकारों पर तीखे हमले किए. सभा को संबोधित करते हुए सीटू नेता हेमंत प्रभाकर ने केंद्र सरकार पर सीधा हमला बोला. कटाक्ष किया कि आज भारत को चार गुजराती चला रहे हैं. दो गुजराती बेच रहे हैं और दो गुजराती खरीद रहे हैं. उन्होंने साफ कहा कि चार श्रम कोड विशेष रूप से श्रमिकों के अधिकारों को छीनने के लिए बनाये गये हैं. हेमंत प्रभाकर ने कहा कि इन कोडों के लागू होने के बाद मालिक अपनी मर्जी के अनुसार श्रमिकों की आसानी से छँटनी कर सकेंगे. श्रम कोड में ऐसे प्रावधान रखे गए हैं, जिससे श्रमिकों से श्रमिक संगठन बनाने का अधिकार भी छीन लिया गया है. उन्होंने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि जिस 8 घंटे के काम के अधिकार की प्राप्ति के लिए श्रमिकों ने अपना खून बहाया था, उसे इन श्रम कोडों द्वारा खत्म कर दिया गया है.आंदोलन जारी रखने का एलान
इस मौके पर हेमंत प्रभाकर ने रानीगंज के स्थानीय मुद्दों को भी उठाया. उन्होंने बर्न्स प्लॉट का हवाला देते हुए रेलवे द्वारा वहाँ रहने वाले लोगों को हटाए जाने के लिए जारी किए गए नोटिस का पुरजोर विरोध किया. प्रभाकर ने सवाल उठाया कि क्या ओसीपी (ओपन कास्ट प्रोजेक्ट) बनाए जाने से होने वाली परेशानियों की जानकारी नहीं है, फिर भी इसे बनाया जा रहा है.सीटू नेताओं ने राज्य की सत्ताधारी पार्टी टीएमसी पर भी निशाना साधा. उन्होंने आरोप लगाया कि टीएमसी भले ही “ऊपर-ऊपर भाजपा का विरोध करने का नाटक करती हो, लेकिन भाजपा और टीएमसी में अंदर खाने गठजोड़ है. उन्होंने राज्य की मुख्यमंत्री और श्रम मंत्री से सवाल किया कि बर्न्स कंपनी को खोलने की बात कही गई थी, लेकिन अभी तक इसे क्यों नहीं खोला गया. प्रभाकर ने कहा कि भाजपा सरकार जो कहती है, ममता बनर्जी बिना सवाल किये उसे चुपचाप मान लेती हैं, पर सीटू इसे नहीं स्वीकारेगा और उसका आंदोलन जारी रहेगा. इस प्रदर्शन में हेमंत प्रभाकर के अलावा जिला सीटू नेता सुप्रियो राय, रानीगंज के पूर्व विधायक रुनु दत्ता, तथा संगठन के अन्य नेता और कार्यकर्ता अशोक घोष, रामकृष्ण चटर्जी, वामापद गोप, लक्ष्मी नारायण मुर्मु उपस्थित थे.
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