आसनसोल. बैंक लोन के लिए अपने सारे दस्तावेज दोस्त के हवाले करके बड़ी बुरी तरह फंस गये हैं कोकओवन थाना क्षेत्र के लिलुआबांध इरानीपाड़ा के निवासी वीरचंद्र पासवान. इन्ही दस्तावेजों के बदौलत लिलुआबांध सिनेमारोड इलाके का निवासी रोहित तांती (कथित दोस्त) ने वीर लाइट हाउस नाम से आइसीआईसीआइ बैंक स्टेशन बाजार रोड शाखा दुर्गापुर में एक खाता खुलाव लिया और जिसमें अपना फोन नम्बर दे दिया. इस खाते को उसने साइबर अपराधियों को दे दिया और इस खाते में कुछ ही दिनों के अंदर दो करोड़ ग्यारह लाख रुपये का लेनदेन हुआ. जिसकी जनाकारी वीरचंद्र को नहीं मिली. उन्हें जब देश के विभिन्न राज्यों से साइबर ठगी का नोटिस मिला, तब वे आसमान से गिरे और बैंक जाकर उनके नाम पर चल रहे खाते की जानकारी लेते ही चौंक गये. वे अब देश के विभिन्न थानों का चक्कर लगा रहे हैं. छह जनवरी 2025 को उन्होंने इसकी शिकायत साइबर क्राइम थाना आसनसोल में की थी. जिसमें रोहित तांती को आरोपी बनाया. पुलिस ने रोहित को गिरफ्तार किया है और रिमांड अवधि में रोहित ने पुलिस को चौंकानेवाली जानकारियां दी है.
क्या है पूरा मामला
वीरचंद्र ने अपनी शिकायत में कहा लिलुआबांध इलाके में ही वीर लाइट हाउस नाम से एक दुकान है. सितंबर 2023 में वे आर्थिक संकट में थे. उसने अपने पड़ोसी रोहित तांती को अपनी समस्या बतायी और लोन दिलाने में मदद की अपील की. रोहित ने उन्हें बैंक से लोन करवाने का भरोसा दिया और उनका आधार कार्ड व पैन कार्ड जेराक्स तथा दुकान के ट्रेड लाइसेंस का ऑरिजिनल कागज के चार पासपोर्ट फोटो 25 सितंबर 2023 को लिया. 26 तारीख वह दुकान पर आकर अनेकों कागजात पर हस्ताक्षर करवाया, जिसमें आइसीआइसीआइ बैंक के भी कागजात थे. कुछ दिनों बाद दो अज्ञात व्यक्ति रोहित के साथ उनकी दुकान पर आये, जिन्होंने आइसीआइसीआइ बैंक दुर्गापुर स्टेशन बाजार रोड शाखा का प्रबंधक और कर्मचारी के रूप में अपना परिचय देते हुए दुकान का निरीक्षण किया. नवम्बर के प्रथम सप्ताह में रोहित आया और कहा कि लोन मंजूर नहीं हुआ. पांच जनवरी 2024 को साउथ डिवीजन बंगलुरू सिटी के सीएमइ पुलिस थाना के निरीक्षक का 41-A सीआरपीसी में जारी एक नोटिस आया कि साइबर अपराध को लेकर उनके खिलाफ थाना में मामला हुआ है. नोटिस से मिली जानकारी के आधार पर आइसीआइसीआइ बैंक जाने पर पता चला कि वीर लाइट हाउस के नाम से एक खाता खुला हुआ है और इसमें मोबाइल नम्बर 7501313358 दिया हुआ है, जो रोहित तांती का है. इस खाते में नवम्बर 2023 से तीन फरवरी 2024 के बीच दो करोड़ से अधिक के राशि का लेनदेन हुआ है और शेष 7,07,619 रुपये बचा हुआ है. वे बंगलुरू जाकर वहां के थाने में हाजिर हुए और पूरी घटना की जानकारी दी. अगस्त 2024 में पुनः उन्हें साइबर थाना अंबिकानगर, छत्तीशगढ़ से एक नोटिस मिला. जिसमें बताया गया कि उनके इस खाते का उपयोग साइबर अपराध के पैसे की लेनदेन के लिए किया गया है. वहां भी जाकर उन्होंने इसकी सफाई दी. आखिरकार उन्होंने साइबर क्राइम थाना आसनसोल में इसकी शिकायत दर्ज करायी.वीरचंद्र के खाते के खिलाफ देश के विभिन्न राज्यों के कुल 33 थानों में दर्ज हुए हैं मामले
रोहित को आखिरकार साइबर क्राइम थाना आसनसोल पुलिस ने पकड़ लिया. रिमांड अवधि में उसने बताया कि टेलीग्राम के माध्यम से उसे एलेक्स नामक एक व्यक्ति से परिचय हुआ. एलेक्स ने उसे ऑफर दिया कि बैंक खाता लाओ और हरेक लेनदेन राशि पर उसे डेढ़ फीसदी कमीशन मिलेगा. उसने वीरचंद्र के कागजातों का उपयोग करके खाता खुलवाया और लेनदेन का अधिकार अपने पास रखा. चार माह में इस खाते में 2.11 करोड़ रुपये आये और 2.04 करोड़ रुपये निकले. पैसा आते ही एलेक्स के निर्देश पर दूसरे खातों में ट्रांसफर करना होता था. उसने यह भी बताया कि दो युवक आये थे, जिन्होंने एटीएम से भी अनेकों बार राशि निकाला था. इस खाते के खिलाफ देश के अनेकों राज्य के विभिन्न थानों में कुल 33 मामले दर्ज है. यह अकाउंट की जांच तब तेजी से शुरू हुई जब बंगलुरू में आठ करोड़ रुपये का डिजिटल अरेस्ट के मामले में 20 लाख रुपये इस खाते में भी आया था. साइबर क्राइम थाना पुलिस रोहित के अन्य साथियों की तलाश कर रही है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

