आसनसोल. आदिवासी स्टूडेंट एंड यूथ फोरम के बैनर तले आदिवासी समाज ने सेल आईएसपी के दूसरे चरण के आधुनिकीकरण और विस्तारीकरण में स्थानीय बेरोजगार युवकों को कॉन्ट्रैक्ट वर्कर के रूप में शामिल करने की मांग करते हुए धरना दिया. आदिवासी स्टूडेंट्स और यूथ फोरम ने सात सूत्री मांगों के समर्थन में टनल गेट स्थित डीआईसी कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया. इसके पहले हीरापुर मोड और हरमडीह मोड से रैली निकालकर टनल गेट तक पहुंचा गया.
प्रतिनिधियों ने सौंपे दस्तावेज
धरना के दौरान आदिवासी समाज के प्रतिनिधि मंडल ने सीजीएम एचआर से मुलाकात कर अपनी बात रखी. मौके पर हीरालाल सोरेन, संजय हासदा, गुरदास किस्कू, बनामाली हांसदा, मौसमी किस्कू, मलती किस्कू सहित कई लोग मौजूद थे. हीरालाल सोरेन ने कहा कि वर्ष 2006 में सेल आईएसपी के पिछले आधुनिकीकरण के समय आदिवासी और गैर आदिवासी दोनों समुदायों ने जमीन दी थी. मुआवजा तो सभी को मिला था लेकिन नौकरी गैर आदिवासी समुदाय के लोगों को दी गई.नौकरी से वंचित होने का आरोप
सोरन ने कहा कि एक बार फिर आधुनिकीकरण होने जा रहा है इसलिए जमीन देने वाले लैंड लूजर को मुआवजे के साथ योग्यता के अनुसार नौकरी मिलनी चाहिए. इसी मांग को लेकर आज की रैली निकाली गई जिसमें आदिवासी समाज के हजारों लोग शामिल हुए. उनका कहना था कि 2006 में आदिवासी समुदाय को नौकरी के मामले में वंचित किया गया था. उन्होंने कहा कि सेल आईएसपी के आसपास 29 आदिवासी गांव हैं जहां हजारों आदिवासी रहते हैं. आधुनिकीकरण के लिए आवश्यक जमीन का 50 % हिस्सा आदिवासी समाज ने उपलब्ध कराया है, लेकिन नौकरी के मामले में उन्हें लगातार उपेक्षित किया जाता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

