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रानीगंज में ट्रैफिक जाम, ऊपर से गाड़ी चेकिंग का झंझट

कोयला उत्पादन और व्यापार के लिए मशहूर रानीगंज शहर इन दिनों अभूतपूर्व ट्रैफिक जाम की समस्या से जूझ रहा है. विशेषकर एनएसबी रोड पर दिन-रात लगने वाले जाम ने स्थानीय निवासियों और व्यापारियों का जीना मुहाल कर दिया है. प्रशासन की कथित अनदेखी और रात में "वाहन चेकिंग " के नाम पर अचानक सक्रियता ने लोगों की परेशानी और बढ़ा दी है, जिससे शहर आर्थिक मंदी और अव्यवस्था के दौर से गुजर रहा है.

रानीगंज.

कोयला उत्पादन और व्यापार के लिए मशहूर रानीगंज शहर इन दिनों अभूतपूर्व ट्रैफिक जाम की समस्या से जूझ रहा है. विशेषकर एनएसबी रोड पर दिन-रात लगने वाले जाम ने स्थानीय निवासियों और व्यापारियों का जीना मुहाल कर दिया है. प्रशासन की कथित अनदेखी और रात में “वाहन चेकिंग ” के नाम पर अचानक सक्रियता ने लोगों की परेशानी और बढ़ा दी है, जिससे शहर आर्थिक मंदी और अव्यवस्था के दौर से गुजर रहा है. एनएसबी रोड : शहर की जीवनरेखा, अब जाम का गढ़ एनएसबी रोड रानीगंज का मुख्य मार्ग है, जहां कई प्रमुख स्कूल, सरकारी कार्यालय, बैंक और व्यावसायिक प्रतिष्ठान स्थित हैं. प्रतिदिन सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक और शाम 4 बजे से 7 बजे तक इस सड़क पर भीषण जाम लगा रहता है.टोटो और मिनी बसों की बेतरतीब आवाजाही स्थिति को और गंभीर बना देती है, जिससे कई बार यह मार्ग पूरी तरह से अवरुद्ध हो जाता है.

हाल ही में दुर्गापुर बैराज की मरम्मत के कारण दक्षिण भारत से आने-जाने वाले अधिकांश भारी वाहनों का एनएसबी रोड से होकर नेशनल हाइवे 19 पर मिलना, इस जाम की समस्या को और भी विकराल बना चुका है.

रात में पुलिस की ”सक्रियता” और अवैध वसूली के आरोप

स्थानीय लोगों का आरोप है कि पुलिस विभाग, विशेष रूप से पंजाबी मोड़ से लेकर मेजिया ब्रिज तक, रात के समय अत्यधिक सक्रिय दिखाई देता है. हालांकि, इस सक्रियता के पीछे के उद्देश्य पर सवाल उठाए जा रहे हैं. रात 11 बजे नो एंट्री खुलते ही गिरजा पाड़ा से पंजाबी मोड़ तक भारी वाहनों की लंबी कतारें लग जाती हैं.जगह-जगह भारी वाहनों को वाहन चेकिंग के नाम पर रोक दी जाती है. स्थानीय लोगों का आरोप है कि इस ””सक्रियता”” के पीछे अवैध वसूली जैसी गतिविधियाँ भी सामने आ रही हैं, जिससे जनता में भारी आक्रोश है.

दो किमी जाने में लगता है एक घंटा

जाम की स्थिति इतनी गंभीर है कि मात्र 2 किलोमीटर की दूरी तय करने में एक से डेढ़ घंटे का समय लग जाता है. लोगों को अपनी जान हथेली पर रखकर आवागमन करना पड़ रहा है. जनता की स्पष्ट मांग है कि पुलिस और प्रशासन की सक्रियता का उद्देश्य मार्ग को सुचारू बनाना होना चाहिए, न कि अन्य गतिविधियों में लिप्त होना.लोगों में इस समस्या को लेकर गुस्सा बढ़ता जा रहा है, और आशंका है कि यह कभी भी फूट सकता है.

मेयर परिषद सदस्य का बयान

आसनसोल नगर निगम के मेयर परिषद सदस्य दिव्येन्दु भगत ने इस समस्या पर चिंता व्यक्त की है. उनका कहना है कि रानीगंज के नागरिकों को इस मुद्दे की जानकारी प्रशासन के उच्च अधिकारियों और जन प्रतिनिधियों को देनी चाहिए. उन्होंने आश्वासन दिया है कि वे अपने स्तर से भी इस समस्या को दुरुस्त करने का प्रयास करेंगे. रानीगंज की जनता अब प्रशासन से इस गंभीर समस्या पर तत्काल ध्यान देने और स्थायी समाधान निकालने की उम्मीद कर रही है, ताकि शहर की यातायात व्यवस्था सुचारू हो सके और लोगों को इस दैनिक परेशानी से मुक्ति मिल सके.

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