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वेतन नहीं, फूटा चाय श्रमिकों का गुस्सा

जलपाईगुड़ी : नोटबंदी के कारण वेतन के लिए तरस रहे चाय श्रमिकों का गुस्सा आखिरकार फूट पड़ा. जलपाईगुड़ी जिले के कई चाय बागानों के श्रमिक बृहस्पतिवार को रेलवे लाइन पर बैठ गये और राष्ट्रीय राजमार्ग 31 को भी जाम कर दिया. उस समय कुछ अजीब स्थिति पैदा हो गई जब राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस […]

जलपाईगुड़ी : नोटबंदी के कारण वेतन के लिए तरस रहे चाय श्रमिकों का गुस्सा आखिरकार फूट पड़ा. जलपाईगुड़ी जिले के कई चाय बागानों के श्रमिक बृहस्पतिवार को रेलवे लाइन पर बैठ गये और राष्ट्रीय राजमार्ग 31 को भी जाम कर दिया.
उस समय कुछ अजीब स्थिति पैदा हो गई जब राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के समर्थक भी भारी संख्या में चाय श्रमिकों के साथ हो गये और रेलवे लाइन तथा राज्य सड़क को बंद कर दिया. यहां उल्लेखनीय है कि तृणमूल सुप्रीमो तथा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बंद, हड़ताल अथवा सड़क जाम जैसे आंदोलन के विरोध में रही हैं. ऐसे में तृणमूल समर्थकों के इस प्रकार के आंदोलन में शामिल होने से स्थानीय लोगों के साथ ही चाय श्रमिक भी हैरान थे. कल बुधवार को जलपाईगुड़ी-सिलीगुड़ी 31 नंबर राष्ट्रीय राजमार्ग को छह घंटे तक बंद करने केबाद बृहस्पतिवार सुबह से डांडीगुड़ी, रायपुर, डेंगुआझोड़, सरस्वतीपुर सहित कई चाय बागानों के श्रमिक गौशाला मोड़ इलाके में जमा हो गये. कुछ श्रमिक रेल लाइन पर भी बैठे हुए थे, लेकिन बाद में वह लोग वहां से हट गये. इन सभी के निशाने पर राष्ट्रीय राजमार्ग था.
सभी चाय श्रमिक तृणमूल समर्थकों के साथ गौशाला मोड़ इलाके में सड़क जाम कर विरोध प्रदर्शन करने लगे. हालांकि इससे पहले सभी चाय श्रमिक करीब आधे घंटे तक जलपाईगुड़ी रोड स्टेशन के निकट रेलवे लाइन पर भी आधे घंटे के लिए बैठे थे. इस बीच, सुबह से ही जलपाईगुड़ी तथा सिलीगुड़ी के बीच वाहनों की आवाजाही बंद होने से आम यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. बसों को पहाड़पुर होकर सिलीगुड़ी के लिए रवाना किया गया. करीब 10 दिन से भी अधिक का समय हो चुका है, चाय श्रमिक अब तक अपने वेतन के लिए तरस रहे हैं. इस बीच, डेंगुआझाड़ चाय बागान में भी श्रमिक आंदोलन करने लगे हैं. बृहस्पतिवारी को काफी संख्या में चाय बागान श्रमिक मैनेजर के पास पहुंचे और वेतन नहीं मिलने का कारण पूछा.
सही उत्तर नहीं मिलने के बाद यहां के चाय श्रमिक भी सड़क जाम आंदोलन में शामिल हो गये. इन चाय श्रमिकों के नेता प्रधान हेमब्रम ने बताया है कि वेतन देने की तिथि कब की खत्म हो गई है. उन्होंने कहा कि चाय श्रमिक 1000 तथा 500 के नोट बंद किये जाने के निर्णय का स्वागत करते हैं. वह सभी लोग इस मामले में प्रधानमंत्री के साथ हैं. लेकिन अब चाय श्रमिकों को खाने-पीने की समस्या हो रही है. पैसे के अभाव में चाय श्रमिक दाने-दाने के लिए तरस रहे हैं. चाय श्रमिकों को हरेक 15 दिन में मजदूरी दी जाती है. करीब 25 दिन होने को चला है, उन्हें मजदूरी नहीं मिली है.
पुलिस भी पहुंची मौके पर
इस बीच, चाय श्रमिकों द्वारा सड़क जाम किये जाने से स्थिति बिगड़ने के बाद जलपाईगुड़ी थाने से भारी संख्या में पुलिस मौके पर पहुंची. डीएसपी हेडक्वार्टर मानवेन्द्र दास भी घटनास्थल पर पहुंचे.
तृणमूल के नेताओं एवं समर्थकों द्वारा आंदोलन में शामिल होने के कारण भीड़ को हटाने में पुलिस को काफी परेशानी हो रही थी. तृणमूल संचालित बारोपटिया ग्राम पंचायत के प्रधान कृष्ण दास भी दल-बल के साथ मौके पर पहुंचे हुए थे. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के तुगलकी फरमान से आम लोग काफी परेशान हैं. चाय श्रमिकों को खाने के लाले पड़े हुए हैं. इस मामले में तृणमूल चाय श्रमिकों के साथ है.
इस बीच, जलपाईगुड़ी जिला अधिकारी कार्यालय से डिप्टी मजिस्ट्रेट भी मौके पर पहुंचे. उन्होंने श्रमिकों को समझा-बुझाकर आंदोलन खत्म कराया. एडीएम डॉ विश्वनाथ ने बताया है कि चाय श्रमिकों की वेतन समस्या दूर करने के लिए बुधवार को ही एक बैठक हुई है. शीघ्र ही कोई न कोई हल निकल आयेगा.

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